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मुंबई। मराठा क्रांति मोर्चा ने राज्य सरकार को चेतावनी देते हुए सोमवार को कहा कि अगर दो दिन में आरक्षण नहीं मिला तो मुंबई में मराठा समाज लॉन्ग मार्च करेगा। यह मार्च इतना बड़ा होगा, जो सरकार को संभालना मुश्किल होगा।
मराठा क्रांति मोर्चा के समन्वयक सुनील नागाणे और प्रतापसिंह पाटिल ने मुंबई में पत्रकारों से बातचीत में कहा कि राज्य सरकार मराठा समाज को सिर्फ आश्वासनों का लॉलीपॉप दे रही है। राज्य सरकार ने मनोज जारांगे को आश्वासन दिया था और उनकी भूख हड़ताल खत्म करवाया था। सरकार ने जो समय सीमा दी थी, वह खत्म होने जा रही है। अभी तक सरकार की ओर से कोई सकारात्मक पहल नहीं की गई है। इसी वजह से अब मराठा समाज के युवक आत्महत्या करने लगे हैं।
सुनील नागाणे ने कहा कि मराठा समाज को सरकार 50 फीसदी के अंदर ओबीसी के कोटे से हिंदू मराठा के नाम पर आरक्षण दे सकती है। इसके साथ ही सरकार को मराठा समुदाय के पिछड़ेपन का डाटा एकत्र करना चाहिए। राजस्व दस्तावेजों पर हिंदू मराठों का उल्लेख है। लेकिन सरकार मराठा समाज को कुनबी सर्टिफिकेट देकर बहलाना चाहती है। नागाणे ने कहा कि सरकार को सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दाखिल करने के लिए एक टास्क फोर्स नियुक्त करनी चाहिए। लेकिन सरकार ने अब तक सिर्फ मराठा समाज को झूठा आश्वासन देकर बहलाने का काम किया है। इसलिए मराठा समाज मुंबई में लॉन्ग मार्च निकालकर सरकार के विरुद्ध अपना रोष जताएगा। इसके बाद मराठा समाज तीव्र आंदोलन की भूमिका निश्चित करेगा।
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