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मुंबई। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा है कि सरकार मराठा समाज को आरक्षण देने के लिए कटिबद्ध है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हम किसी भी कीमत पर मराठा समाज को आरक्षण देकर रहेंगे। मराठा समाज के लोग सरकार पर पूरा भरोसा रखें।
मराठा आरक्षण को लेकर आंदोलनकारियों के विरोध से बचने के लिए मुख्यमंत्री शिंदे शनिवार देर रात को कोल्हापुर जिले के कनेरी मठ में सिरवाचल पशुपालन केंद्र का उद्धाटन करने पहुंचे थे। कार्यक्रम के बाद मुख्यमंत्री शिंदे ने पत्रकारों से कहा कि सरकार मराठा समुदाय को न्याय देगी। मराठा समाज सरकार के प्रयास को समझने का प्रयास करे और युवकों को आक्रामक न होने दे। मुख्यमंत्री ने कहा कि वह मनोज जरांगे पाटिल के स्वास्थ्य को लेकर चिंतित हैं, जो मराठा आरक्षण की मांग को लेकर जालना जिले में फिर से भूख हड़ताल पर हैं।
मुख्यमंत्री शिंदे ने कहा कि मराठा समाज को पहले दिया गया आरक्षण सुप्रीम कोर्ट में टिक नहीं पाया। सुप्रीम कोर्ट द्वारा बताई गई त्रुटियों को दूर करने का काम अभी चल रहा है। मराठा समाज पिछड़ा हुआ है। कुनबी दस्तावेज जारी करने के लिए नियुक्त न्यायमूर्ति शिंदे समिति बहुत अच्छा काम कर रही है। अब तक आठ से दस हजार पुराने रिकार्ड खोजे जा चुके हैं। हैदराबाद जाकर भी रिकार्ड की जांच की जा रही है। इस सारे काम में थोड़ा समय लगेगा। इसके चलते मराठा समाज को धैर्य रखना चाहिए। युवाओं को आत्महत्या जैसा कदम नहीं उठाना चाहिए और जारांगे पाटिल ने भी अपील की है कि मामले को तूल नहीं देना चाहिए।
मुख्यमंत्री के कोल्हापुर दौरे को लेकर जिला प्रशासन ने काफी सतर्कता बरती। एयरपोर्ट से कनेरी मठ तक सुरक्षा के कड़े प्रबंध किए गए थे। यहां तक कि सुरक्षा में तैनात कई पुलिस अधिकारियों को भी पता नहीं था कि कौन आ रहा है, लेकिन देर रात मठ में एकनाथ शिंदे के पहुंचने की खबर मिलते ही मराठा समाज आक्रामक हो गया और कार्यक्रम स्थल पर पहुंचने का प्रयास करने लगा। पुलिस ने सभी आंदोलनकारियों को पकड़कर राजाराम पुलिस स्टेशन में बिठा दिया। रविवार को तड़के तीन बजे के करीब जब मुख्यमंत्री कोल्हापुर से मुंबई के लिए रवाना हुए उसके बाद सभी मराठा आंदोलनकारियों को छोड़ा गया।
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