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जयपुर। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बेटे और राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन (आरसीए) अध्यक्ष वैभव गहलोत सोमवार सुबह दिल्ली स्थित प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) में पेश हुए। पूछताछ के बाद वैभव ने कहा कि उन्होंने कोई विदेशी ट्रांजेक्शन नहीं किया, इसलिए फेमा का मामला ही नहीं बनता।वैभव से ईडी ने पहले राउंड में करीब चार घंटे पूछताछ की।
ईडी ने 25 अक्टूबर को वैभव गहलोत को समन भेजकर फॉरेन एक्सचेंज रेगुलेटरी एक्ट (फेमा) के उल्लंघन के मामले में पूछताछ के लिए बुलाया था। वैभव ने पेश होने के लिए 30 अक्टूबर तक का समय मांगा था। वैभव वकीलों की राय लेने के बाद खुद की कंपनियों से जुड़े दस्तावेज के साथ आज ईडी के सामने पेश हुए। वैभव से ईडी ने पहले राउंड में करीब चार घंटे पूछताछ की।
वैभव ने कहा कि मैंने और मेरे परिवार ने कोई विदेशी ट्रांजेक्शन नहीं किया, इसलिए फेमा का मामला नहीं बनता। मुझे फेमा के मामले में ईडी ने समन दिया था। फेमा से जुड़े मामले में ही पूछताछ की है। मेरे और मेरे परिवार ने कोई विदेशी लेन-देन नहीं किया। फेमा में यह समन ही गलत है। मुझे केवल पूछताछ के लिए पेश होने के लिए डेढ़ दिन का समय दिया गया। मुझे और टाइम मिलना चाहिए था। वैभव गहलोत से ईडी की पूछताछ का मुख्य फोकस शैल कंपनियों में पैसा लगाने, मॉरीशस रूट के जरिए पैसा विदेश पहुंचाने और मनी लॉन्ड्रिंग पर है।
उल्लेखनीय है कि ईडी से समन जारी होने के बाद वैभव गहलोत ने कहा था कि जिस मामले में बारह साल पहले जांच हो चुकी है। हम सब दस्तावेज दे चुके हैं। उस वक्त कुछ नहीं मिला। अब चुनाव के समय उस मामले को फिर उठाया गया है। वैभव गहलोत से ईडी उनकी कंपनी के लेनदेन, पार्टनरशिप और मॉरीशस लिंक के बारे में पूछताछ कर रही है। ईडी ने समन के साथ उन डॉक्युमेंट्स की भी लिस्ट दी थी, जिन्हें साथ लेकर जाना था।
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