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राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के विधायक कमलेश सिंह ने हेमंत सोरेन सरकार से समर्थन लिया वापस
ranchi, Nationalist Congress Party , Soren government

रांची (झारखंड)। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के विधायक कमलेश कुमार सिंह ने हेमंत सोरेन सरकार से समर्थन वापस ले लिया है। वे राज्य के हुसैनाबाद विधानसभा क्षेत्र से विधायक हैं। उन्होंने बुधवार को धुर्वा स्थित आवासीय कार्यालय में प्रेस कॉन्फ्रेंस में इसकी घोषणा की। इस संबंध में उन्होंने राज्यपाल को भी लिखित रूप में बताया है।

कमलेश सिंह ने कहा कि हुसैनाबाद को जिला बनाने की मांग के मुद्दे पर उन्होंने चार सालों तक समर्थन दिया। खुद 2019 के चुनाव के बाद यूपीए के नेता उनके पास लिखित में समर्थन मांगने आए थे लेकिन जिस मुद्दे पर सपोर्ट किया था, उस पर डेडलाइन 31 अक्टूबर तक समय देने के बावजूद गंभीरता नहीं दिखाई। अब ऐसे में इस सरकार को समर्थन देना संभव नहीं।

कमलेश ने कहा कि वे 2019 के विधानसभा चुनाव में हुसैनाबाद से निर्वाचित हुए थे। इसके बाद हेमंत सोरेन के नेतृत्व में गठित सरकार को समर्थन दिया था लेकिन यह सरकार राज्य की 3.25 करोड़ जनता की आकांक्षाओं पर खरा नहीं उतरी। ऐसे में वे लाचार और निराश होकर हेमंत सरकार से तत्काल प्रभाव से समर्थन वापस ले रहे हैं।

कमलेश ने कहा कि हुसैनाबाद को जिला का दर्जा देने के अलावा बालू घाटों की बंदोबस्ती करने, पलामू जिले के पांच अंचलों के त्रुटिपूर्ण सर्वे के आनलाइन इंट्री को ठीक करने व अधिकारियों की पदस्थापना की मांग लगातार सीएम से की गई लेकिन चार सालों तक सिर्फ आश्वासन मिला। मार्च 2021 में तत्कालीन पार्टी लीडर शरद पवार को हुसैनाबाद को जिला बनाने के लिए चर्चा हुई थी। उन्होंने आश्वस्त किया था कि हेमंत सरकार जल्द ही इस पर काम करेगी। इसके अलावा कई बार एनसीपी की ओर से मुख्यमंत्री को लिखित रूप में हुसैनाबाद को जिला बनाने को पत्र लिखा।

कमलेश ने कहा कि हुसैनाबाद अनुमंडल में विगत दो माह से पुलिस का महत्वपूर्ण पद (एसडीपीओ) प्रभार में चल रहा है। हुसैनाबाद, हरिहरगंज के विभिन्न ब्लॉक, अंचलों और अन्य विभागों (बीडीओ, सीओ, सीडीपीओ वगैरह) में अधिकारी नहीं हैं। बालू संकट से जनता त्रस्त है। पलामू में मंगलवार को मुख्यमंत्री के कार्यक्रम में एक भी स्थानीय विधायक, जिला परिषद सदस्य नहीं होने को उन्होंने जनता की सरकार से नाराजगी का बड़ा उदाहरण बताया। उन्होंने कहा कि सरकार पलामू सहित अन्य जगहों पर जनता की नाराजगी का सामना करने को तैयार रहे। आगामी चुनाव में भी यह दिखेगा।

MadhyaBharat 1 November 2023

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