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नई दिल्ली। भारतीय सशस्त्र बलों की सर्वोच्च कमांडर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने पाकिस्तान के लिए जासूसी करने वाले सेना के एक मेजर को बर्खास्त कर दिया है। स्ट्रैटेजिक फोर्सेज कमांड (एसएफसी) यूनिट में तैनात मेजर के खिलाफ मार्च, 2022 से जांच चल रही थी। इसी जासूसी मामले में एक कर्नल और ब्रिगेडियर समेत चार वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों को पहले ही निलंबित किया जा चुका है।
बर्खास्त किए गए मेजर पर आरोप है कि उसने उत्तर भारत में एसएफसी यूनिट में तैनाती के दौरान अपने मोबाइल में ''पटियाला पेग'' नाम से व्हाट्स ऐप ग्रुप बनाया और इसी के माध्यम से एक पाकिस्तानी एजेंट को महत्वपूर्ण डेटा लीक किया। सेना के एक एलटी कर्नल, ब्रिगेडियर और दो अन्य शीर्ष अधिकारी भी इसी व्हाट्स ऐप ग्रुप का हिस्सा थे। इसीलिए उन्हें 2022 में ही निलंबित कर दिया गया था। पाकिस्तानी एजेंट के संपर्क में रहने के आरोप में एसएफसी यूनिट में तैनात भारतीय सेना के मेजर के खिलाफ तभी से जांच की जा रही थी।
भारतीय सेना की स्ट्रैटेजिक फोर्सेज कमांड ही देश के परमाणु हथियारों का प्रबंधन करती है, इसलिए 2022 से जांच के दायरे में आए मेजर के जरिए भारत के परमाणु कार्यक्रम के भी लीक होने का खतरा था। मेजर पर सैन्य नियमों के विपरीत अपने इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस में गुप्त दस्तावेज रखने का आरोप था। राष्ट्रीय सुरक्षा के साथ समझौते से संबंधित मामलों की जांच के लिए अधिकारियों का एक बोर्ड बनाया गया था। जांच में पता चला कि मेजर ने अपने इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों पर गुप्त दस्तावेज की एक प्रति रखी थी। साथ ही वह सोशल मीडिया चैट के जरिए एक पाकिस्तानी खुफिया संचालक के भी संपर्क में था।
राष्ट्रपति ने सेना अधिनियम, 1950 की धारा 18, संविधान के अनुच्छेद 310 के साथ पठित और इस संबंध में सक्षम अन्य सभी शक्तियों द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए आदेश दिया कि मेजर की सेवाओं को तत्काल प्रभाव से समाप्त कर दिया जाए।
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