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शिमला। हिमाचल प्रदेश के जनजातीय जिला लाहौल-स्पीति के दो शहरों का न्यूनतम तापमान शून्य से नीचे पहुंच गया है। इससे यहां के झील, झरने और अन्य प्राकृतिक जलस्त्रोत जमने शुरू हो गए हैं। शीत मरुस्थल कहे जाने वाली लाहौल घाटी की 14091 फुट ऊंची ढंखर झील, लेह मार्ग पर स्थित 15840 फुट ऊंची सूरजताल झील और पट्टन घाटी की 14000 हजार फुट ऊंची नीलकंठ झील भी बर्फ में तबदील हो रही है।
मनाली-लेह मार्ग पर स्थित दीपकताल झील का पानी भी जम गया है। यह झील केलांग से 43 किलोमीटर दूर है। यहां अप्रैल के बाद फिर रौनक लौटेगी। दीपकताल प्रदेश की आकर्षित झील है। मनाली-लेह मार्ग पर यात्रा करने वाले लोगों के लिए यह एक पड़ाव के रूप में कार्य करती है। लाहौल स्पीति में अत्यधिक ठंड से रिहायशी इलाकों में लोगों के घरों में लगे 90 फीसदी से अधिक नल भी पूरी तरह से जम चुके हैं।
ठंड इतनी बढ़ गई है कि ताजा खाना व चाय बनाते ही परोसते-परोसते ठंडा हो रहा है। वीकएंड में सैलानी अब सीधे लाहुल पहुंच रहे हैं। जलस्रोत जमने से वन्य जीव-जंतुओं की भी मुश्किलें बढ़ गई हैं। उन्हें प्यास बुझाने के लिए रिहायशी इलाकों के समीप नदी-नालों का रुख करना पड़ रहा है।
लाहौल-स्पीति जिला का कुकमसेरी शुक्रवार को राज्य का सबसे ठंडा स्थल रहा। यहां न्यूनतम तापमान -0.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। लाहौल-स्पीति के ही जिला मुख्यालय केलांग में न्यूनतम तापमान -0.5 डिग्री सेल्सियस रहा। अन्य शहरों के न्यूनतम तापमान पर नजर दौडाएं तो कल्पा में 3.2, समधो में 3.5, मनाली में 5.4, रिकांगपिओ में 5.7, नारकंडा में 6.2, सियोबाग में 6.8, सराहन में 7, सोलन में 7.8, कुफरी में 8.6, पालमपुर, चंबा व मंडी में 9.5, डल्हौजी में 10, कांगड़ा में 11.7, बरठीं में 12.2, उना में 12.4, जुब्बडहट्टी में 12.5, बिलासपुर में 13, धर्मशाला में 13.2, नाहन में 14.1, पांवटा साहिब व देहरा गोपीपुर में 15 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।
मौसम विज्ञान विभाग के पूर्वानुमान के अनुसार चार, पांच व छह नवंबर को मौसम साफ रहेगा। सात नवंबर से एक बार फिर बारिश-बर्फबारी होने का अनुमान है। आठ नवंबर को भी राज्य भर में मौसम खराब रहेगा।
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