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नई दिल्ली। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली गैस चैंबर बनी हुई है। दीपावली से पहले हवा तेजी से जहरीली हो रही है। सांसों और आंखों पर संकट मंडरा रहा है। उम्मीद थी कानून का डंडा चलने के बाद सरकार के प्रयास से अगले दिन स्थिति में कुछ सुधार होगा। मगर नहीं हुआ।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने आज (शनिवार) सुबह चार बजे आंकड़े जारी किए हैं। इन आंकड़ों के मुताबिक दिल्ली-एनसीआर में वायु गुणवत्ता सूचकांक बेहद खराब श्रेणी में रहा। एक्यूआई (एयर क्वालिटी इंडेक्स) 500 के पार पहुंच गया। इससे पहले शुक्रवार को दिल्ली में गंभीर श्रेणी के साथ एक्यूआई 459 दर्ज किया गया।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अनुसार आज एयर क्वालिटी इंडेक्स में थोड़ा सुधार होगा लेकिन अगले तीन दिनों तक हवा गंभीर श्रेणी में बनी रहेगी। इसलिए फिलहाल प्रदूषण से खास राहत मिलने की संभावना नहीं है। इस वजह से एक-दो दिन में ग्रैप के चौथे चरण के प्रतिबंध भी लागू किए जा सकते हैं।
इस बीच वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग की उप समिति ने स्थिति की समीक्षा की है। आयोग का कहना है कि दिल्ली का औसत एयर इंडेक्स 368 रहा। एक समय दोपहर 12 बजे एयर इंडेक्स 475 पहुंच गया था। इसके बाद एयर इंडेक्स में थोड़ा सुधार हुआ। इस वजह से शाम पांच बजे एयर इंडेक्स 456 था। फिलहाल ग्रैप के तीसरे चरण के प्रतिबंध लागू रहेंगे। जरूरत पड़ने पर चौथे चरण के प्रतिबंध लागू किए जाएंगे।
इससे पहले कल (शुक्रवार) सुबह पांच बजे के आंकड़े भी डरावने रहे। इन आंकड़ों मुताबिक दिल्ली में गंभीर श्रेणी के साथ एक्यूआई 459 बना हुआ था। नोएडा में यह स्तर 418 था। गाजियाबाद का एक्यूआई सुबह 363 दर्ज किया गया था। गुरुवार शाम पांच बजे दिल्ली का औसत एक्यूआई 402 था। इसे वायु गुणवत्ता सूचकांक का सबसे खतरनाक स्तर माना जाता है।
राष्ट्रीय राजधानी में तेजी से जहरीली हो रही हवा के बीच दिल्ली सरकार ने गुरुवार को नर्सरी से लेकर कक्षा पांच तक के स्कूल दो दिन तक (तीन और चार नवंबर) बंद रहने की घोषणा की थी। शुक्रवार को दिल्ली हाई कोर्ट ने बढ़ते वायु प्रदूषण के मुद्दे पर सरकार को फटकार लगाई थी।
दिल्ली के 37 निगरानी स्टेशन में से कम से कम 18 में गुरुवार को वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) गंभीर श्रेणी में दर्ज किया था। उल्लेखनीय है कि शून्य से 50 के बीच एक्यूआई को अच्छा, 51 से 100 के बीच को संतोषजनक, 101 से 200 के बीच को मध्यम, 201 से 300 के बीच को खराब, 301 से 400 के बीच को बहुत खराब और 401 से 500 के बीच को गंभीर श्रेणी में माना जाता है।
MadhyaBharat
4 November 2023
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