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मुंबई। महाराष्ट्र के ओबीसी नेताओं ने मराठा आरक्षण के लिए राज्य सरकार की ओर से नियुक्त पूर्व न्यायाधीश शिंदे समिति पर सवाल खड़ा किया है। इसी मुद्दे पर मंगलवार को ओबीसी नेताओं ने मुंबई के सह्याद्रि गेस्ट हाउस में उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस के साथ बैठक भी की और मराठा समाज को कुनबी जाति प्रमाणपत्र दिए जाने का जोरदार विरोध भी किया है। ओबीसी नेताओं ने दीपावली के बाद समूचे राज्य में बड़ा आंदोलन खड़ा करने की भी चेतावनी दी है। साथ ही राज्य में जातिवार जनगणना करवाने की भी मांग की है।
ओबीसी नेता प्रकाश शेंडगे ने बैठक समाप्त होने के बाद पत्रकारों को बताया कि यह कई बार साबित हो चुका है कि मराठा समुदाय पिछड़ा नहीं है, लेकिन अब मराठा समाज पिछड़े कुनबी जाति में घुसकर आरक्षण लेना चाह रहा है। यह आरक्षण का रास्ता नहीं है। मराठा समाज की गलत मांग को सही ठहराने का अधिकार शिंदे समिति को किसने दिया। शिंदे समिति अवैध है और उसके पास कोई संवैधानिक शक्तियां नहीं हैं। मराठा समाज को पिछड़े वर्ग से कोई नुकसान नहीं हुआ है। हमने इसका अनुभव किया है।
प्रकाश शेंडगे ने कहा कि हम मराठा समाज को कुनबी सर्टिफिकेट देने के खिलाफ हैं, इसलिए हम मराठावाड़ा में दो बड़ी सभाएं करने जा रहे हैं। पहली बैठक 15 को अंबड में और दूसरी बैठक 16 को हिंगोली में होगी। शेंडगे ने बताया कि पश्चिम महाराष्ट्र और विदर्भ जैसी क्षेत्रीय बैठकें भी होंगी और इसके बाद ओबीसी आंदोलन की दिशा तय की जाएगी। शेंडगे ने कहा कि हमने उपमुख्यमंत्री देवेन्द्र फड़णवीस से मांग की है कि जातिवार जनगणना कराई जाए।
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