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शहडोल। शहडोल जिले के बुढ़ार में शुक्रवार सुबह एक डॉक्टर मरीज की जिंदगी बचाने घर से निकलकर अस्पताल पहुंचे और उसका इलाज भी करने लगे लेकिन समय ने कुछ ऐसा किया कि डॉक्टर को संभावित हार्ट अटैक आया और उन्होंने दम तोड़ दिया।
अपने ही क्लिनिक में मरीज का इलाज कर रहे 38 वर्षीय डॉक्टर दिलीप कुमार कुशवाहा की जिंदगी को सीने में उठे तेज दर्द ने छीन लिया। डॉक्टर कुशवाहा एक मरीज को देख रहे थे। इसी दौरान उनके सीने में तेज दर्द उठा। इसके बाद वह काउंटर पर गिर पड़े और कुछ ही देर में उनके प्राण निकल गए। पुलिस ने शव का पंचनामा कर उसे कब्जे में लेकर बुढ़ार अस्पताल भिजवा दिया। दिलीप कुमार होम्योपैथी के डॉक्टर थे। वे दूसरों की सेवा के लिए हमेशा तत्पर रहते थे। क्लिनिक में हुई इस घटना की खबर लगते ही कई समाज सेवक मौके पर पहुंचे। डॉक्टर दिलीप कुशवाह की मानवीयता यह थी कि अगर किसी मरीज के पास इलाज लिए पैसे नहीं होते थे तो उनका इलाज मुफ्त में करने के साथ ही दवाइयां भी अपने पास से देते थे। कई बार तो जिन मरीजों के पास आने-जाने का किराया नहीं होता था तो उनके आने-जाने का इंतजाम भी करते थे।
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