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नई दिल्ली। दिल्ली हाई कोर्ट ने मंगलवार को जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला से अलग रह रही पत्नी पायल अब्दुल्ला से तलाक की मांग वाली उनकी याचिका खारिज कर दी है। जस्टिस संजीव सचदेवा की अध्यक्षता वाली बेंच ने उमर अब्दुल्ला की याचिका खारिज करने का आदेश दिया।
उमर अब्दुल्ला ने पायल अब्दुल्ला पर प्रताड़ित करने का आरोप लगाया। इसके पहले ट्रायल कोर्ट ने भी उमर अब्दुल्ला की तलाक की अर्जी 30 अगस्त, 2016 को खारिज कर दी थी। ट्रायल कोर्ट के आदेश के खिलाफ उमर अब्दुल्ला ने हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।
इसके पहले हाई कोर्ट ने उमर अब्दुल्ला को आदेश दिया था कि वो अपनी पत्नी पायल अब्दुल्ला को बतौर अंतरिम गुजारा भत्ता डेढ़ लाख रुपये हर महीने दें। जस्टिस सुब्रमण्यम प्रसाद की बेंच ने उमर को निर्देश दिया था कि वो अपने बेटे की पढ़ाई के लिए हर महीने 60 हजार रुपये दें।
सुनवाई के दौरान उमर अब्दुल्ला ने कहा था कि पायल और उनके दो बेटों ने जिस गुजारा भत्ते की मांग की है वो स्वीकार करने योग्य नहीं है । उमर की इस दलील का पायल अब्दुल्ला के वकील ने पुरजोर विरोध किया था और कहा था कि 2016 से पायल अकेले रह रही हैं, और उन्हें कोई खर्च नहीं दिया जा रहा है। यहां तक कि उनके पास अपने बेटों की फीस तक भरने के पैसे नहीं हैं। उमर ने कहा था कि पायल अपना गुजारा कर सकती हैं, क्योंकि उनका अपना व्यवसाय है और दिल्ली में उनका एक घर भी है। बेटे भी अब बड़े हो गए हैं, जो गुजारा भत्ता नहीं मांग सकते हैं।
MadhyaBharat
12 December 2023
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