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नई दिल्ली। कोरोना और इसके नए वेरिएंट जेएन- 1 के बढ़ते खतरे को देखते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने बुधवार को स्वास्थ्य सुविधाओं और चिकित्सा संबंधी सेवाओं की तैयारियों पर राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों के स्वास्थ्य मंत्रियों के साथ उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक की। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कोरोना के जेएन-1 वेरिएंट को वेरियंट ऑफ इंटरेस्ट माना है, यानी यह वायरस तेजी से फैल सकता है।
इस उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने कहा कि यह एक-दूसरे के साथ मिलकर काम करने का समय है। हमें घबराने नहीं, सतर्क रहने की जरूरत है। अस्पताल की तैयारी, निगरानी बढ़ाने और लोगों के साथ प्रभावी संचार के मॉक ड्रिल के साथ तैयार रहना महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि हर 3 महीने में एक बार सभी अस्पतालों में मॉक ड्रिल होना चाहिए। इसके लिए राज्यों को केन्द्र सरकार की ओर से सभी प्रकार का समर्थन दिया जाएगा। उन्होंने अधिकारियों को तैयारियों में किसी भी तरह की ढिलाई नहीं करने के निर्देश दिए। उन्होंने राज्यों को कहा कि स्वास्थ्य का क्षेत्र किसी राजनीति का क्षेत्र नहीं है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय हर सहायता के लिए उपलब्ध है।
उल्लेखनीय है कि कोरोना के नए वेरियंट जेएन-1 के एक मामले की केरल में पुष्टि की गई है। दुनिया के कई देशों में कोरोना के नए मामले तेजी से बढ़ रहे हैं।
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