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चेन्नई। राज्य के एन्नोर में मंगलवार रात अमोनियम फॉस्फेट पोटाश सल्फेट (एपीपीएस) के निर्माण में शामिल एक उर्वरक विनिर्माण प्रतिष्ठान में गैस रिसाव के बाद कम से कम 9 लोगों की हालत बिगड़ गई, जिसके बाद उन्हें अस्पताल पहुंचाया गया। इस दौरान 230 अन्य लोगों को सुरक्षित निकाल लिया गया।
एन्नोर में मेसर्स कोरोमंडल इंटरनेशनल लिमिटेड की इकाई सालाना लगभग चार टन एपीपीएस बनाती है। रात करीब 11.45 बजे पाइपलाइन में दबाव कम होने से भंडारण टर्मिनल के आसपास और सामग्री गेट के पास तीखी गंध आने लगी। सड़क पार स्थित पाइपलाइन में गैस के बुलबुले देखे गए।
तमिलनाडु राज्य की पर्यावरण सचिव सुप्रिया साहू ने बताया कि इकाई ने तुरंत अमोनिया वाष्प को फ्लेयर की ओर मोड़ कर पाइपलाइन पर दबाव कम करना शुरू कर दिया और 20 मिनट के भीतर ऑपरेशन पूरा कर लिया।
कुछ ही मिनटों में एन्नोर के आसपास के इलाकों में लोगों ने उल्टी-मिचली की शिकायत की। आपातकालीन प्रबंधन अनुसंधान संस्थान द्वारा सोलह एम्बुलेंस तैनात की गईं। छह लोगों को स्टेनली मेडिकल कॉलेज अस्पताल में स्थानांतरित कर दिया गया और तीन अन्य को एक निजी अस्पताल में स्थानांतरित कर दिया गया। डॉक्टरों ने बताया कि सभी मरीजों की हालत स्थिर है। कम से कम 230 अन्य लोगों को सामुदायिक हॉल में ले जाया गया।
घटना के बाद तमिलनाडु के पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन मंत्री मेयनाथन शिवा वी ने कहा कि कोरोमंडल इंटरनेशनल लिमिटेड उद्योग अगले आदेश तक बंद रहेगा। डीआईजी/ ज्वाइंट कमिश्नर विजय कुमार ने एक्स (ट्विटर) पर कहा , "घबराने की कोई जरूरत नहीं है, पूरी स्थिति काबू में है। एन्नोर में अब गैस (अमोनिया) का रिसाव बंद कर दिया गया है। लोग आश्वस्त हैं और घर वापस कर रहे हैं। चिकित्सा दल और पुलिस टीम तैनात कर दी गई है।"
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