Since: 23-09-2009
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को कहा कि किसी भी राष्ट्र को दिशा देने में विश्वविद्यालय महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
मोदी ने तमिलनाडु के तिरुचिरापल्ली स्थित भारतीदासन विश्वविद्यालय के 38वें दीक्षांत समारोह में कहा कि दीक्षांत समारोह में यहां आना मेरे लिए विशेष है। यह 2024 में मेरी पहली सार्वजनिक बातचीत है। मैं तमिलनाडु के खूबसूरत राज्य और युवा लोगों के बीच आकर खुश हूं। मैं ऐसा करने वाला पहला प्रधानमंत्री हूं जिसे दीक्षांत समारोह में यहां आने का सौभाग्य मिला है। मैं उन छात्रों और उनके अभिभावकों को बधाई देता हूं जो आज यहां से स्नातक हो रहे हैं।
उन्होंने कहा कि हमारा देश और सभ्यता हमेशा ज्ञान के इर्द-गिर्द केंद्रित रही है। कुछ प्राचीन विश्वविद्यालय जैसे कि नालंदा और तक्षशिला प्रसिद्ध हैं। इसी तरह कांचीपुरम जैसे स्थानों में भी महान विश्वविद्यालय होने का उल्लेख मिलता है। गंगईकोंडा चोलपुरम और मदुरै भी शिक्षा के महान केंद्र थे।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आप जो विज्ञान सीखते हैं, वह आपके गांव के किसान की मदद कर सकता है, जो तकनीक आप सीखते हैं, वह जटिल समस्याओं को हल करने में मदद कर सकती है। जो व्यवसाय प्रबंधन आप सीखते हैं, वह व्यवसाय चलाने में मदद कर सकता है और दूसरों के लिए आय वृद्धि सुनिश्चित कर सकता है। जो अर्थशास्त्र आप सीखते हैं, वह गरीबी को कम करने में मदद कर सकता है। एक तरह से, यहां का प्रत्येक स्नातक 2047 तक एक विकसित भारत बनाने में योगदान दे सकता है।
उन्होंने कहा कि पिछले 10 वर्षों में भारत ने महत्वपूर्ण अर्थव्यवस्थाओं के साथ कई व्यापार समझौते भी किए हैं। ये सौदे हमारी वस्तुओं और सेवाओं के लिए नए बाजार खोलेंगे। वे हमारे युवाओं के लिए अनगिनत नए अवसर भी पैदा करेंगे। चाहे वह जी20 जैसे संस्थानों को मजबूत करना हो, जलवायु परिवर्तन से लड़ना हो, वैश्विक आपूर्ति शृंखला में बड़ी भूमिका निभाते हुए भारत का हर वैश्विक समाधान के एक हिस्से के रूप में स्वागत किया जा रहा है। कई मायनों में स्थानीय और वैश्विक कारकों के कारण यह भारत में युवा होने का सबसे अच्छा समय है।
प्रधानमंत्री ने युवाओं से कहा कि आप ऐसे समय में दुनिया में कदम रख रहे हैं जब हर क्षेत्र में हर कोई आपकी ओर एक नई आशा के साथ देख रहा है। युवा का अर्थ है ऊर्जा। इसका अर्थ है गति, कौशल और पैमाने के साथ काम करने की क्षमता। उन्होंने कहा कि पिछले 10 वर्षों में हवाई अड्डों की संख्या 74 से दोगुनी होकर लगभग 150 हो गई है। तमिलनाडु में एक जीवंत समुद्र तट है। इसलिए आपको यह जानकर खुशी होगी कि कुल भारत में प्रमुख बंदरगाहों की कार्गो प्रबंधन क्षमता 2014 से दोगुनी हो गई है। हमारे इनोवेटर्स ने पेटेंट की संख्या 2014 में लगभग 4,000 से बढ़ाकर अब लगभग 50,000 कर दी है। हमारे मानवता विद्वान भारत की कहानी को दुनिया के सामने इस तरह प्रदर्शित कर रहे हैं जैसे पहले कभी नहीं किया गया। हमारे संगीतकार और कलाकार लगातार हमारे देश में अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार ला रहे हैं।
कार्यक्रम में तमिलनाडु के राज्यपाल आरएन रवि और मुख्यमंत्री एमके स्टालिन भी मौजूद रहे।
MadhyaBharat
|
All Rights Reserved ©2025 MadhyaBharat News.
Created By:
Medha Innovation & Development |