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कोलकाता। पश्चिम बंगाल के पुरुलिया जिले में उत्तर प्रदेश से गंगासागर जा रहे साधुओं पर हमले पर भारतीय जनता पार्टी ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। साधुओं को भीड़ द्वारा पीटे जाने का वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल होने कुछ बाद भाजपा आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, “ममता बनर्जी की गहरी चुप्पी शर्मशार करने वाली है। क्या ये साधु आपकी मान्यता के योग्य नहीं हैं? अत्याचार जवाबदेही की मांग करता है।”
सोशल मीडिया पर 30 सेकेंड का फुटेज वायरल हो रहा है जिसमें तीन साधुओं के समूह को भीड़ की ओर से निर्वस्त्र करते और उन पर हमला करते देखा जा सकता है। वे जान की भीख मांग रहे हैं लेकिन भीड़ उन्हें पीट रही है।
अमित मालवीय ने इस घटना की तुलना साल 2020 में महाराष्ट्र के पालघर मॉब लिंचिंग से करते हुए कहा, “पश्चिम बंगाल के पुरुलिया से चौंका देने वाली घटना सामने आई है। मकर संक्रांति के लिए गंगासागर जा रहे साधुओं को सत्तारूढ़ पार्टी तृणमूल से जुड़े अपराधियों ने निर्वस्त्र कर पीटा।”
अमित मालवीय ने कहा, बंगाल में हिंदू होना अपराध है। भाजपा नेता ने कहा, “ममता बनर्जी के शासन में शाहजहां शेख जैसे आतंकवादी को राज्य संरक्षण मिलता है और साधुओं को पीट-पीटकर मार डाला जाता है।”
बंगाल भाजपा अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने भी हमले को लेकर ममता बनर्जी सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा, “पुरुलिया से चौंकाने वाली घटना। गंगासागर जा रहे साधुओं को तृणमूल से जुड़े अपराधियों ने निर्वस्त्र कर पीटा, जो पालघर त्रासदी की तरह है। ममता बनर्जी के शासन में, शाहजहां जैसे आतंकवादी को राज्य संरक्षण मिलता है, जबकि साधुओं को हिंसा का सामना करना पड़ता है। पश्चिम बंगाल में हिंदू होना अपराध है।”
केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा, "आखिरकार ये वातावरण क्यों है। रामजन्म भूमि का शिलान्यास हो तो बंगाल में कर्फ्यू लगा दिया। साधुओं की हत्या का प्रयास किया जाता है। तुष्टिकरण की राजनीति बंगाल को कहां लेकर जा रही है। आखिर ये हिन्दू विरोधी सोच क्यों?
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