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मुंबई। ओबीसी कल्याण फाउंडेशन ने बुधवार को बाम्बे हाई कोर्ट में मराठा आरक्षण के लिए सरकार के मसौदे के विरोध में एक जनहित याचिका दाखिल की है। इस याचिका की सुनवाई के बारे में कोर्ट ने अभी निर्णय नहीं लिया है।
ओबीसी कल्याण फाउंडेशन की ओर से वकील मंगेश ससाने ने राज्य सरकार की ओर से मराठा आरक्षण के लिए 26 जनवरी को जारी मसौदे को सीधे चुनौती देते हुए बुधवार को बाम्बे हाई कोर्ट में जनहित याचिका दाखिल की है। उन्होंने अपनी याचिका में कहा है कि सगे संबंधी की परिभाषा को संविधान के खिलाफ नहीं बदला जाना चाहिए। राज्य सरकार ने 26 जनवरी को सरकारी अवकाश के दिन आधी रात को सगे संबंधी और मातृ आधारित वंशावली का उल्लेख किया है, जबकि संविधान में पितृ आधारित वंशावली ही अधिकृत है। मंगेश ससाने ने राज्य सरकार की ओर से जारी मसौदे को ओबीसी समुदाय के साथ अन्याय बताया है।
उल्लेखनीय है कि राज्य सरकार की ओर जारी मराठा समाज के सरकारी मसौदे का जोरदार विरोध किया जा रहा है और सूबे के कई जिलों में सरकारी मसौदे की प्रतियां जलाई जा चुकी हैं। ओबीसी समाज इस मसौदे के विरुद्ध जोरदार आंदोलन की तैयारी कर रहा है।
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