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नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे पी नड्डा ने कहा कि गुड गवर्नेंस कोई स्लोगन नहीं है, गुड गवर्नेंस मैजिक बैंड नहीं है। गुड गवर्नेंस एक स्पिरिट है। इसे अपने जीवन में उतारने की ताकत भी होनी चाहिए। वह शुक्रवार को अंबेडकर इंटरनेशनल सेंटर में आयोजित सुशासन महोत्सव 2024 के उद्घाटन समारोह को संबोधित कर रहे थे।
नड्डा ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने देश की राजनीति की संस्कृति को बदल कर रख दिया। लोगों ने लंबे समय तक सरकारें चलाईं, सबका वोट लिया और सबका घोषणापत्र बनाया लेकिन सत्ता में आने के बाद वे सरकारें एक विशेष जाति या वर्ग की सरकारें बन गईं। वे वोटबैंक की राजनीति का शिकार हो गये। उन्होंने वस्तुनिष्ठता की बात की लेकिन वो खुद को आत्मपरकता तक सीमित कर लिया और इसलिए सुशासन की बात करते-करते वो सरकारें कुशासन में बदल गईं।
गुड गवर्नेंस को जनआंदोलन बनाने पर जोर देते हुए जे पी नड्डा ने कहा कि देश में शांतिपूर्ण तरीके से नीतियों में बदलाव हुए। इसका सबसे पहला कारण नीति निर्धारण में जनभागीदारी है। चूंकि वे हितधारक हैं, उन्हें शामिल करने की आवश्यकता है। दूसरा, भागीदारी पारदर्शी होनी चाहिए। वितरण और सुझाव भी पारदर्शी होने चाहिए। तीसरा, इसकी जवाबदेही होनी चाहिए। अंत में डिलीवरी में कोई कमी नहीं होनी चाहिए और लीकेज को बंद किया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि पहले इस देश में एलोपैथी व आयुर्वेद का झगड़ा चल रहा था। आज यहां एलोपैथी भी है, आयुर्वेद भी है, योगा भी है और यूनानी भी है। एक हेल्थ सेंटर में आपको योगा भी मिल रहा है तो दूसरे हेल्थ सेंटर में आपको इंजेक्शन लगाने वाला डॉक्टर भी मिल रहा है। ये आज से पहले कभी नहीं हुआ था लेकिन ये होलिस्टिक हेल्थ कवरेज है। हमें यह ध्यान रखना होगा कि हम लाखों लोगों की आस्था के संरक्षक हैं। लोगों का विश्वास बरकरार रखना हमारी जिम्मेदारी है। यह सुशासन का एक अनिवार्य घटक है। 2014 से पहले और 2014 के बाद देश की राजनीतिक संस्कृति में बदलाव आया है। सबका साथ सबका विकास, सबका विश्वास के मूल मंत्र के साथ देश में काम हुआ है।
MadhyaBharat
9 February 2024
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