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हरदा। जिला मुख्याल के करीबी गांव बैरागढ़ स्थित पटाखा फैक्ट्री में हुए विस्फोट में अब तक 13 लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं चार लोग लापता हैं। इनके परिवारों ने परिजन के लापता होने की शिकायत दर्ज कराई है। हादसे में जितने घायल हुए हैं उन सभी की शिनाख्त हो चुकी है। इनमें कोई भी लापता व्यक्ति नहीं है।
हादसे के बाद घटनास्थल से मिले दो शवों की अब तक पहचान नहीं हो पाई। दोनों शव इतनी बुरी तरह से झुलस चुके हैं कि कोई भी परिवार इनकी पहचान नहीं कर पा रहा है। पुलिस अब डीएनए जांच से इनकी शिनाख्त करेगी। इसके लिए पुलिस ने लापता लोगों के परिजन के खून के सैंपल लिए हैं।
हादसे के बाद से ये हैं लापता
50 साल की जेबुन बी अपने बेटे आबिद के साथ पटाखा फैक्ट्री में ही काम करती थी। हादसे में आबिद की मौत हो गई, लेकिन जेबुन बी लापता है। खंडवा में रहने वाली आरती धुर्वे और उनके पति सुनील पटाखा फैक्ट्री में मजदूरी करने दो साल पहले यहां आए थे। हादसे के बाद से आरती पति को खोज रही है। पटाखा फैक्ट्री में हादसे के बाद से खरगोन का रहने वाला कैलाश परमार भी लापता है। हादसे के बाद उसके परिजन खरगोन से उसकी तलाश करने हरदा पहुंचे। 24 वर्षीय धारा सिंह वास्कले का भी पता नहीं चल पा रहा है। धारा खरगोन के नागलवाड़ी गांव का रहने वाला है। उसका भाई विजय उसे ढूंढते हुए हरदा पहुंचा।
तलाश कर रही है पुलिस
इस मामले में सिविल लाइन थाने के टीआई संतोष सिंह चौहान का कहना है कि हादसे की जांच में 50 से ज्यादा पुलिसकर्मी जुटे हैं। फोरेंसिक एक्सपर्ट भी अलग-अलग एंगल से घटना की जांच कर रहे हैं। दो अज्ञात शवों की अब तक पहचान नहीं हुई है। जिन परिवारों ने गुमशुदगी दर्ज कराई है, उनके ब्लड सैंपल लेकर डीएनए जांच के जरिए शवों की पहचान के प्रयास किए जा रहे हैं। अन्य लापता लोगों को खोजने का काम भी पुलिस कर रही है।
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