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कोलकाता। पश्चिम बंगाल के मेदिनीपुर जिले के भूपतिनगर में बम ब्लास्ट के मामले में छापेमारी करने पहुंची एनआईए की टीम पर हमले को लेकर राजनीतिक तूफान उठा है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने दावा किया है कि एनआईए अधिकारी भाजपा की मदद करने के लिए गए थे। उन्होंने यह भी कहा है कि एनआईए की टीम आधी रात को इलाके में गई थी, जब स्थानीय लोग अपने क्षेत्र में किसी अनजान को रात में देखते हैं तो यही करते हैं। ममता का यह बयान एक तरह से एनआईए अधिकारियों पर हमले का समर्थन माना जा रहा है, जिसे लेकर भाजपा और कांग्रेस ने तीखा हमला बोला है।
नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी ने कहा है कि बंगाल में कानून व्यवस्था पूरी तरह ध्वस्त हो गई है। पुलिस प्रशासन जैसा कुछ बचा नहीं है। गुंडे अपराधी को किसी बात का डर नहीं है।
बंगाल भाजपा के सह प्रभारी और आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने कहा है कि बिना स्थानीय पुलिस की मदद के यह संभव नहीं है कि एनआईए अधिकारियों पर हमला किया जा सके। इसमें स्थानीय पुलिस पूरी तरह से मिली हुई है।
प्रदेश भाजपा के पूर्व अध्यक्ष दिलीप घोष ने कहा है कि ममता के शासन में बंगाल बेलगाम हो गया है। अपराधी समझते हैं कि उन्हें कुछ भी होने वाला नहीं है। पुलिस उनकी गुलाम बनी हुई है लेकिन अत्याचारी शासक को हार मानना ही होगा।
कांग्रेस नेता विकास रंजन भट्टाचार्य ने भी ममता बनर्जी के बयान की निंदा की है। उन्होंने कहा है कि जिस तरह से ममता बनर्जी ने अधिकारियों पर हमले का समर्थन और हमलावरों का बचाव किया है वह निर्लज्जता का प्रतीक है। बंगाल में कानून व्यवस्था पूरी तरह से खत्म है। अपराध के मामले में एक तरफ पुलिस कोई कार्रवाई नहीं करती और दूसरी तरफ जो एजेंसी कार्रवाई करती है उस पर हमला करवाती है। यह गुंडाराज का दूसरा स्वरूप है।
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