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जालोर। राजस्थान में भारतमाला प्रोजेक्ट हाईवे 925 ए पर सोमवार को तेजस, जगुआर और सुखोई-30 लड़ाकू विमानों की लैंडिंग हुई। भारत-पाकिस्तान बॉर्डर पर सांचौर-बाड़मेर जिले से सटे अगड़वा से गुजर रहे इस हाईवे पर सबसे पहले तेजस ने लैंडिंग की।
यहां सुबह करीब दस बजे तेजस ने लैंडिंग की। इसके बाद फाइटर जेट जगुआर और एएन-32, सी-295 ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट और लड़ाकू सुखोई-30 की भी लैंडिंग हुई। इसके साथ ही अब इस हवाई पट्टी का इस्तेमाल वायु सेना युद्ध और अन्य आपातकाल जैसी परिस्थितियों में इमरजेंसी लैंडिंग के लिए कर सकेगी। भारत-पाकिस्तान बॉर्डर के नजदीक बनी यह इमरजेंसी एयर स्ट्रिप करीब तीन किलोमीटर लंबी है। भारतमाला परियोजना के तहत हाईवे पर बनी एयर स्ट्रिप का नौ सितंबर, 2021 को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने उद्घाटन किया था। इस दौरान पहले ट्रायल में दो हेलिकॉप्टर की लैंडिंग करवाई गई थी।
सैन्य सूत्रों के अनुसार आज विमानों की लैंडिंग का परीक्षण करने के लिए एयर स्ट्रिप पर 25 गुणा 65 वर्गमीटर का एयर ट्रैफिक कंट्रोल (एटीसी) केबिन भी बनाया गया। यहां सोमवार को दोपहर सवा बजे एंटोनोव एएन-32 ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट ने लैंडिंग की। दोपहर करीब एक बजे सी-295 ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट की लैंडिंग के बाद जब गरुड़ कमांडो विमान से उतर रहे थे, तब एक बैल एयर स्ट्रिप पर आ गया। बैल को गरुड़ कमांडो ने एयर स्ट्रिप से दूर किया। इस हवाई पट्टी पर पिछले तीन दिनों से वायु सेना ने डेरा डाल रखा है लेकिन सर्विस रोड से आवागमन सुचारू था।
सोमवार को लड़ाकू विमानों की लैंडिंग की वजह से हवाई पट्टी के पास बनी सर्विस रोड पर भी आवाजाही को पूरी तरह से रोक दिया गया। इस परीक्षण के दौरान बड़ी संख्या में वायु सेना के अधिकारी भी मौजूद थे।
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