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उज्जैन। मध्य प्रदेश में लोकसभा चुनाव को लेकर जारी आरोप प्रत्यारोप के बीच उज्जैन से कांग्रेस प्रत्याशी महेश परमार मंगलवार की सुबह शिप्रा घाट पर अनोखा प्रदर्शन किया। यहां उन्होंने शिप्रा नदी में मिलने वाले सीवर के पानी में स्नान और आचमन कर सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। महेश परमार तराना से कांग्रेस विधायक भी हैं।
दरअसल रामघाट पर पीएचई की पाइप लाइन में लीकेज हो गया। जिसकी वजह से चैंबर ओवरफ्लो हो गया और गंदा पानी लीक होकर शिप्रा नदी में मिल गया। इसकी जानकारी जैसे ही तराना से कांग्रेस विधायक और लोकसभा प्रत्याशी महेश परमार को लगी वह तुरंत मंगलवार सुबह शिप्रा के घाट पहुंचे। उन्होंने नदी में मिल रहे गंदे पानी के बीच डुबकी लगाकर और आचमन कर विरोध दर्ज कराया।
कांग्रेस विधायक महेश परमार ने कहा कि एमपी में 20 साल से और देश में 10 साल से बीजेपी की सरकार है। इतने सालों इनकी सरकार है, विधायक,सांसद और महापौर है। इनके 500 करोड़ खर्च करने के बाद भी ये स्थिति है कि फिर से 600 करोड़ का नया बजट आया है। हमारे भाजपा के सांसद पिछले 5 साल में यहां एक बार भी नहीं आए हैं। धर्म के नाम पर राजनीति करने वाले लोग कहां हैं? 40-50 लाख इंदौरवासियों का मल मूत्र रोज इसमें मिलता है। विधायक ने कलेक्टर पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि वे बीजेपी के एजेंट बन गए हैं। साथ ही सांसद अनिल फिरोजिया पर बोले कि वो बड़ी-बड़ी बातें करते हैं। कांग्रेस विधायक ने कहा कि मां शिप्रा अशुद्ध हो रही हैं। सीएम मोहन यादव ने शिप्रा मां को शुद्ध करने की शपथ ली थी। टिकट मिलने पर डुबकी लगाई थी। 600-1000 करोड़ खर्च हो गए। बात सनातन, महाकाल और प्रभु श्रीराम की करते हैं, लोकिन मां शिप्रा को शुद्ध नहीं कर पाए। उन्होंने कहा कि कमलनाथ की सरकार में शनिचरी अमावस्या के स्नान के दिन गंदा पानी मिलने पर कलेक्टर और कमिश्नर दोनों को हटा दिया था।
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