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बुरहानपुर। शहर के रेणुका माता मंदिर के पास मंगलवार दोपहर के समय फर्राटे भर रहे एक ट्रक में एक ऐसा नजारा देखा गया, जो संभवत: इससे पहले नहीं देखा गया होगा। लोक परिवहन के नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए इस ट्रक में 60 बच्चों, 80 महिलाओं और 40 पुरुषों सहित कुल 180 लोगों को ठूंस-ठूंस कर भरा गया था। ये लोग महाराष्ट्र सीमा पर बसे पाडलिया गांव से सारोला बारात में शामिल होने जा रहे थे।
जिस समय यातायात थाना प्रभारी हंस कुमार झिंझोरे और स्टाफ ने इन लोगों को ट्रक से उतारा तो चौंक गए। ट्रक की ऊपरी केबिन और अंदर के केबिन से लेकर पीछे तक उन्हें इस तरह भरा गया था कि छोटे बच्चों को सांस लेने में भी तकलीफ हो रही थी। गनीमत थी कि कोई दुर्घटना नहीं हुई। यातायात थाना प्रभारी सभी को थाने लेकर पहुंचे और पहले उन्हें पानी पिलाया। इसके बाद ग्रामीणों को इस तरह सफर करने के दुष्परिणाम बताते हुए। दूसरे वाहनों से उनके गंतव्य के लिए रवाना किया।
थाना प्रभारी झिंजोरे ने कहा कि माल वाहक में इतनी बड़ी संख्या में नागरिकों का परिवहन काफी खतरनाक हो सकता था। नियमों को तार-तार करने वाले इस ट्रक क्रमांक एमपी 09 केडी 2212 को शेख रफीक नाम का चालक चला रहा था। यातायात पुलिस ने ट्रक मालिक को बुलाया है। ट्रक को जब्त किया जा सकता है।
MadhyaBharat
24 April 2024
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