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इंदौर। इंदौर नगर निगम में फर्जी बिल घोटाले में पुलिस प्रशासन ने बड़ा एक्शन लिया है। इस मामले में ठेकेदार राहुल वढेरा के घर पुलिस ने रविवार सुबह छापा मारा। राहुल वढेरा जान्हवी कंस्ट्रक्शन फर्म के संचालक है। मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने भी मामले में संज्ञान लिया है। पुलिस की टीम पूरे घर की सर्चिंग कर रही है। पुलिस ने छापामार कार्रवाई में दस्तावेज और गाड़ियां जब्त की है। मौके पर निगम अफसर भी मौजूद है।
जानकारी के अनुसार इंदौर नगर निगम में 107 करोड़ रुपए के फर्जी बिल घोटाले में पुलिस ने आरोपियों की धरपकड़ शुरू कर दी है। रविवार सुबह पुलिस ने अपटाउन निपानिया में मामले के एक आरोपी राहुल वडेरा के यहां दबिश दी है। यहां राहुल का आलीशान बंगला है। पुलिस ने तलाशी ली और उसके घर दस्तावेज व दो गाड़ियां जब्त की। इसके बाद टीम मदीनानगर पहुंची और आरोपित मोहम्मद सिद्दीक, मोहम्मद साजीद और मोहम्मद जाकिर के घरों की तलाश ली। नगर निगम के अधिकारी भी साथ हैं। टीम दोनों जगह पर सर्चिंग कर रही है।
इस घोटाले की आरोपी पांचों फर्म- नींव कंस्ट्रक्शन (मो. साजिद), ग्रीन कंस्ट्रक्शन (मो. सिद्दीकी), किंग कंस्ट्रक्शन (मो. जाकिर), क्षितिज इंटरप्राइजेस (रेणु वडेरा) और जाह्नवी इंटरप्राइजेस (राहुल वडेरा) के खिलाफ नगर निगम एफआईआर दर्ज करवा चुका है। पुलिस ने आरोपियों पर 10 हजार रु. का इनाम भी घोषित किया है। निगम कमिश्नर शिवम वर्मा ने इन सभी फर्मों को ब्लैक लिस्टेट कर इनके सभी भुगतान पर रोक लगा दी है। गौरतलब है कि पांचों कंपनियों ने वर्ष 2015 से 2022 तक 107 करोड़ रुपए के 188 बिल वित्त विभाग में लगाए थे। 2022 के पहले इन फर्मों के 168 बिलों के एवज में 79 करोड़ रुपए का भुगतान हो चुका है। बाकी बिलों से जुड़ा 28 करोड़ रुपए का भुगतान रुका है।
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