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इंदौर। इंदौर नगर निगम में 107 करोड़ के फर्जी बिल घोटाले में पुलिस ने बड़ी कार्रवाई की है। रविवार को पुलिस ने अपटॉउन निपानिया में आरोपित राहुल वडेरा के यहां छापा मारा। इसके बाद मदीना नगर स्थित आरोपी मोहम्मद सिद्दीकी के भी घर पहुंची। बताया जा रहा है कि पुलिस और निगम की टीम ने 8 जगहों पर छापेमारी की है। पुलिस ने आरोपितों के घर में सर्चिंग की, जिसमें फाइलें, रजिस्ट्री, पासपोर्ट, बैंक पासबुक और लग्जरी कारें जब्त की। इस मामले में पुलिस ने रविवार देर रात फरार दो आरोपी साजिद सिद्दीकी और जाकिर सिद्दीकी को आईटी पार्क क्षेत्र से हिरासत में लिया है।
जानकारी के अनुसार आरोपित जाकिर 12वीं पास है। उसका भाई साजिद इंजीनियर है। दोनों राहुल वढ़ेरा के दोस्त हैं। पूछताछ में फर्जी बिल बनाना कबूला, लेकिन कहा कि सब राहुल करता था। साजिद तो सिर्फ दस्तावेजों पर हस्ताक्षर करता था। जाकिर दस्तावेज पेश करता था। कई अधिकारी और कर्मचारी राहुल के साथ उठते-बैठते थे। राहुल की पार्षदों से गहरी दोस्ती है। वहीं, पुलिस के साथ ही निगम की आंतरिक समिति भी इस मामले में जांच कर रही है। बीते 10 सालों में इन फर्मों को कितना भुगतान हुआ है। उन सभी कामों का भौतिक सत्यापन भी करवाया जा रहा है।
गौरतलब है कि नगर निगम का यह घोटाला अब 107 करोड़ तक पहुंच गया है। पांचों कंपनियों ने वर्ष 2015 से वर्ष 2022 तक 107 करोड़ रुपए के 188 बिल वित्त विभाग में प्रस्तुत किए। वर्ष 2022 के पहले इन फर्मों द्वारा प्रस्तुत सभी 168 बिलों के एवज में 79 करोड़ का भुगतान हो चुका है। सिर्फ 20 बिल से जुड़ा 28 करोड़ रुपए का भुगतान रुका है। इन पांचों फर्म नींव कंस्ट्रक्शन (मो. साजिद), ग्रीन कंस्ट्रक्शन (मो. सिद्दीकी), किंग कंस्ट्रक्शन (मो. जाकिर), क्षितिज इंटरप्राइजेस (रेणु वडेरा) और जाह्नवी इंटरप्राइजेस (राहुल वडेरा) के खिलाफ नगर निगम एफआईआर दर्ज करवा चुका है। पुलिस ने इन आरोपितों पर 10 हजार रु. का इनाम भी घोषित किया है। निगम कमिश्नर शिवम वर्मा ने इन सभी फर्मों को ब्लैक लिस्टेट कर इनके सारे भुगतान पर रोक लगा दी है।
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