Since: 23-09-2009
भोपाल। इंदौर नगर निगम में फर्जी बिल की जांच के लिए सामान्य प्रशासन विभाग ने शुक्रवार को उच्च स्तरीय समिति गठित कर दी गई है। समिति के अध्यक्ष प्रमुख सचिव वाणिज्यिक कर अमित राठौर और सदस्यों के रूप में सचिव वित्त विभाग अजीत कुमार और लोक निर्माण विभाग के मुख्य अभियंता को सदस्य के रूप में शामिल किया गया है।
जानकारी के मुताबिक, नगर निगम इंदौर में जल यंत्रालय तथा ड्रेनेज विभाग के 20 फर्जी बिल पकड़े जाने पर पांच फर्मों- मैसर्स जहान्वी इंटरप्राइजेस, मैसर्स क्षितिज इंटरप्राइजेस, मैसर्स किंग कंस्ट्रक्शन, मैसर्स नीव कंस्ट्रक्शन और मैसर्स ग्रीन कंस्ट्रक्शन के 20 बिल बिना किसी निविदा, अनुबंध और बिना कार्य के फर्जी बनाकर निगम की वित्त शाखा में प्रस्तुत किए गए। इस आधार पर उक्त फर्मों को तीन करोड़ 20 लाख रुपये का भुगतान किया गया। मुख्यमंत्री मोहन यादव के निर्देश पर पांचों फर्मों को ब्लैक लिस्ट कर भुगतान पर प्रतिबंध लगा दिया गया है।
घटना की जानकारी मिलने पर इंदौर नगर निगम आयुक्त ने एक जांच समिति गठित की। इन पांच फर्मों में पिछले 10 वर्षों में पाए गए 188 प्रकरणों की जांच समिति कर रही है। समिति की प्राथमिक विवेचना में दोषी पाये गये दो कर्मचारियों भूपेंद्र पुरोहित और सुनील भंवर को कारण बताओ नोटिस जारी कर हाजरी मुक्त कर दिया गया है।
पुलिस द्वारा जहान्वी इंटरप्राइजेस के राहुल बडेरा, मैसर्स क्षितिज इंटरप्राइज की रेणु बडेरा, मैसर्स किंग कंस्ट्रक्शन के मो. जाकिर और मैसर्स न्यू कंस्ट्रक्शन के मो. साजिद, लेखा विभाग नगर निगम के पूर्व विनियमित क्लर्क राजकुमार साल्वी, उपयंत्री उदय भदौरिया और कम्प्यूटर आपरेटर चेतन भदौरिया को हिरासत में लिया गया है। इनमें से उक्त नगर निगम में कार्यरत कर्मियों की सेवाएं समाप्त कर दी गई हैं।
सहायक यंत्री अभय राठौर को निलंबित किया गया है। इधर, आयुक्त नगरीय प्रशासन एवं विकास भरत यादव के पत्र के आधार पर वित्त विभाग द्वारा नगर निगम में वित्त विभाग के पदस्थ लोकल फंड के समर सिंह परमार, उप संचालक जगदीश ओहरिया और रामेश्वर परमार को शासकीय कार्य में लापरवाही बरतने पर उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही की जा रही है।
MadhyaBharat
4 May 2024
All Rights Reserved ©2024 MadhyaBharat News.
Created By: Medha Innovation & Development
|