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चंडीगढ़। एक तरफ प्रदेश में कांग्रेस पार्टी सरकार का गठन करने से पीछे हट गई है तो दूसरी तरफ कांग्रेस व जजपा को घेरने के लिए सरकार ने फ्लोर टेस्ट के लिए विधानसभा सत्र बुलाने की तैयारी कर ली है। माना जा रहा है कि मंत्रिमंडल की 15 मई को होने वाली बैठक में सरकार यह फैसला लेकर विपक्ष को सकते में डाल सकती है।
पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने रविवार को संकेत दिए कि हरियाणा सरकार लोकसभा चुनाव के बाद विधानसभा का विशेष सत्र बुलाकर फ्लोर पर बहुमत साबित करने को तैयार है। इसके साथ ही राज्यपाल ने कांग्रेस से अपने सभी 30 विधायकों के हस्ताक्षरों वाला पत्र देने को कहा है, ताकि राज्यपाल फैसला ले सकें कि उन्हें क्या करना है। हालांकि, कांग्रेस ने राजभवन से अभी इस तरह के निर्देश जारी होने की पुष्टि नहीं की है। 88 सदस्यीय विधानसभा में भाजपा के पास फिलहाल 45 विधायकों का समर्थन हासिल है, जबकि जजपा व कांग्रेस अपनी पार्टी के सभी विधायकों व एक इनेलो व एक निर्दलीय विधायक को जोड़ते हुए भाजपा सरकार के अल्पमत में होने का दावा कर रहे हैं।
पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने सभी राजनीतिक अटकलों को खारिज करते हुए कहा कि जजपा को वैसे तो बहुमत साबित करने की मांग नहीं करनी चाहिए थी लेकिन जब उन्होंने कर ही दी तो हम तैयार हैं। उन्होंने कहा कि जजपा पूरी तरह से फूट का शिकार है। उसके छह विधायक हमारे संपर्क में हैं, जो फ्लोर पर भाजपा का साथ देंगे। इसी तरह, कांग्रेस ने भी अपने साथ 30 विधायक होने का दावा किया है, जो ठीक नहीं है। कांग्रेस के भी पांच से छह विधायक हमारे संपर्क में हैं, जो सरकार को अस्थिर करने के पक्ष में बिल्कुल भी नहीं हैं।
मनोहर लाल ने कहा कि भूपेंद्र सिंह हुड्डा की ओर से राज्यपाल को दिया गया पत्र अधिकृत नहीं है। उस पर हुड्डा के कार्यालय सचिव के हस्ताक्षर हैं, जिनकी कोई महत्ता नहीं है। वैसे भी राज्यपाल ने कांग्रेस से कह दिया है कि वह अपने 30 विधायकों के हस्ताक्षर करवाने के बाद राजभवन में पत्र दें।
MadhyaBharat
12 May 2024
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