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भोपाल। लोकसभा चुनाव 2024 के अंतर्गत मध्यप्रदेश की सभी 29 सीटों पर चार चरणों के मतदान प्रक्रिया संपन्न हो चुकी है। अब स्ट्रांग रूम में गड़बड़ी की आशंका को लेकर कांग्रेस नेता एवं राजगढ़ प्रत्याशी पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। दरअसल, कांग्रेस का आरोप है कि राजगढ़ की सिंबल लोडिंग यूनिट (एसएलयू) स्ट्रांग रुम से गायब करा दी गई हैं। इस मामले को लेकर दिग्विजय सिंह की ओर से सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई है।
कांग्रेस के प्रवक्ता विवेक त्रिपाठी ने राजगढ़ जिला प्रशासन और निर्वाचन आयोग पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने गुरुवार को मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि न्यायालय के स्पष्ट आदेश हैं कि एसएलयू को 45 दिनों तक स्ट्रांग रूम में सुरक्षित रखा जाना चाहिए। मप्र निर्वाचन आयोग भाजपा के इशारे पर राजगढ़ के चुनाव को प्रभावित करने की कोशिश कर रहा है। हमारे प्रत्याशी दिग्विजय सिंह स्ट्रांग रुम का विजिट करने जाते हैं तो पता चलता है कि एसएलयू स्ट्रांग रूम से गायब पाई जाती है। पता चलता है कि एसएलयू को निर्वाचन आयोग कहीं और लेकर गया है।
त्रिपाठी ने कहा कि 29 लोकसभाओं में सिर्फ राजगढ़ की एसएलयू को क्यों गायब किया गया है। इस मामले को लेकर हम न्यायालय गए हैं और न्यायालय के संज्ञान में यह मामला लाया है। जिस तरह से मप्र निर्वाचन आयोग न्यायालय के आदेश की अवहेलना कर रहा है। दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई होनी चाहिए। निर्वाचन आयोग को स्पष्ट करना चाहिए, किसके इशारे पर निर्वाचन को दूषित किया जा रहा है। लोकतंत्र पारदर्शिता से हो ये सुनिश्चित होना चाहिए। दिग्विजय सिंह की पिटीशन पर न्यायालय का निर्णय उनके पक्ष में आएगा।
वहीं, कांग्रेस के आरोपों पर प्रदेश के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी अनुपम राजन ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने ईवीएम वाली याचिकाओं को जब खारिज किया, तो उसी समय सुप्रीम कोर्ट ने कुछ और बातें कहीं। सुप्रीम कोर्ट ने यह कहा है कि सिंबल लोडिंग यूनिट से कमीशनिंग की जाती है। जहां एक मई के पहले कमीशनिंग हुई है। वहां एसएलयू इंजीनियर्स को वापस की जाएंगी और एक मई के बाद जहां कमीशनिंग हुई है, वहां 45 दिनों तक रखी जाएंगी।
उल्लेखनीय है कि राजगढ़ की कमीशनिंग 28-29 तारीख को खत्म हो गई थी। राजगढ़ में राजगढ़ में पांच एलएसयू यूज हुई थीं और पांच अनयूज्ड थीं, जो 7 तारीख को वोटिंग होने के बाद आठ तारीख को इंजीनियर्स को वापस कर दीं। गुना में चार मशीनों से सिंबल लोडिंग हुई थी। वो चार मशीनें आज भी गुना में ट्रेजरी में रखी हुई हैं। गुना कलेक्टर का यह कहना है कि कांग्रेस के लोगों ने लोगों ने आपत्ति करते हुए कहा था कि ये मशीनें वापस न की जाएं तो उन्होंने वापस नहीं की। इतनी सी बस बात है।
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