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भोपाल। पुणे में हुए हिट एंड रन मामले में नाबालिग आरोपित को निबंध लिखने की शर्त पर जमानत मिलने को लेकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कटाक्ष किया है। उन्होंने एक्स पर एक वीडियो शेयर कर कहा कि अगर ओला-उबर, ऑटो, बस और ट्रक ड्राइवर गलती से किसी को मार देते हैं तो 10 साल की सजा हो जाती है। अमीर घर का लड़का पोर्शे कार से दो लोगों की हत्या कर देता है तो उससे सिर्फ निबंध लिखवाया जाता है। बस ड्राइवर से क्यों नहीं लिखवाया?
राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री मोदी जी से पूछा कि दो हिंदुस्तान बन रहे हैं, एक अरबपतियों का और एक गरीबों का। उनका जवाब आता है कि क्या मैं सबको गरीब बना दूं। सवाल यह नहीं है, सवाल न्याय का है, गरीबों और अमीरों सबको न्याय मिलना चाहिए। इसलिए हम लड़ रहे हैं, हम अन्याय के खिलाफ लड़ रहे हैं। दरअसल, पुणे हिट एंड रन मामले में मध्यप्रदेश के दो इंजीनियरों की मौत हो गई। हादसा 18 मई की रात दो बजे के करीब हुआ था। इस हादसे के आरोपित नाबालिग को किशोर न्याय बोर्ड ने घटना के 15 घंटे के अंदर ही कुछ मामूली शर्तों पर जमानत दे दी। महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने भी कोर्ट के फैसले पर हैरानी जताई है। उन्होंने कहा कि दो लोगों की मौत के बावजूद जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड ने नरम रुख अपनाया, जबकि पुणे पुलिस ने बोर्ड को दिए अपने आवेदन में कहा था कि आरोपित की उम्र 17 साल आठ महीने है।
उल्लेखनीय है कि 18 मई की रात 2.15 बजे पुणे में बाइक सवार अश्विनी कोष्टा और अनीश अवधिया को तेज रफ्तार पोर्शे कार ने कुचल दिया था। दोनों की मौके पर ही मौत हो गई थी। अश्विनी जबलपुर और अनीश उमरिया का रहने वाला था। कार पुणे के बिल्डर का नाबालिग बेटा चला रहा था। वह नशे में था। मामले में किशोर न्याय बोर्ड ने नाबालिग को घटना के 15 घंटे के अंदर ही जमानत दे दी। उसे दुर्घटनाओं पर निबंध लिखने के लिए कहा गया। हालांकि, पुणे पुलिस ने नाबालिग के पिता बिल्डर विशाल अग्रवाल को गिरफ्तार कर लिया गया है। जिस बार में नाबालिग ने शराब पी थी, उसके मालिक और मैनेजर को भी गिरफ्तार किया गया है। सभी आरोपित 24 मई तक पुलिस की हिरासत में हैं।
हादसे में मरने वाली अश्विनी कोष्टा की फैमिली जबलपुर के साकार हिल्स में रहती है। परिवार में सबसे छोटी होने की वजह से वह सबकी लाड़ली थी। घरवाले उन्हें आशी कहकर बुलाते थे। बड़े भाई सम्प्रित बेंगलुरु में सॉफ्टवेयर इंजीनियर हैं। पिता सुरेश कोष्टा जबलपुर में बिजली विभाग में कार्यालय सहायक हैं। मां, पिता और भाई के आंसू नहीं थम रहे। अश्विनी दो साल से पुणे में थीं। इससे पहले अमेजन कंपनी में थी। स्विच कर जॉनसन कंट्रोल कंपनी जॉइन की थी। वह 14 जनवरी को जन्मदिन मनाने के लिए जबलपुर आई थी। वहीं, अनीश अवधिया उमरिया जिले के बिरसिंहपुर पाली का रहने वाला था। वह एक माह पहले घर आया था। कंपनी से फोन आने के बाद वापस पुणे चला गया था। अनीश ने ग्रेजुएशन पुणे से किया और यहीं जॉब लग गई। मंगलवार को दोनों के शव अपने घर पहुंचे थे, जहां उनका अंतिम संस्कार किया गया।
अब मृतक के परिजनों ने कार चालक के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है। अश्विनी के बड़े पापा जुगल किशोर कोष्टा ने कहा कि 'बहुत प्रतिभाशाली बच्ची थी। हम सदमे में हैं, अपने दुख को शब्दों में बयान नहीं कर सकते। कार ड्राइवर पर तो कार्रवाई होना ही चाहिए, उसके अभिभावक पर भी एक्शन होना चाहिए। बिल्डर पुणे का नामी है, इसीलिए उसके बेटे को शायद 15 घंटे में बेल मिल गई। हम यही चाहते हैं कि लड़के की बेल खारिज हो, उसे सख्त से सख्त सजा मिले।' वहीं, अनीश के दादा आत्माराम अवधिया ने आरोपी को सख्त से सख्त सजा देने की मांग की है।
MadhyaBharat
22 May 2024
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