Since: 23-09-2009
भोपाल। प्रदेश कांग्रेस मीडिया विभाग के अध्यक्ष मुकेश नायक ने मध्य प्रदेश नर्सिंग घोटाला को शैक्षणिक जगत के लिए कलंकित करने वाला घोटाला बताया है। उन्होंने कहा कि जिस तरह से मध्य प्रदेश में नर्सिंग काउंसलिंग ऑफ इंडिया के मापदंडों की धज्जियां उड़ाते हुए कॉलेज को अनुमति दी गई हैं, ऐसा उदाहरण पूरे देश में कहीं नहीं देखने को आया है। उन्होंने कहा कि ना तो भवन हैं, न प्रयोगशालाएं, न लाइब्रेरी, न लैब और न अस्पताल, फिर भी चल रहें हैं कॉलेज। केवल कागजों में नर्सिंग कॉलेज चल रहे हैं, यह कॉलेज उन्हें ही दिखाई दे रहे हैं, जिन्होंने निरीक्षण रिपोर्ट तैयार की है और बाकी किसी को दिखाई नहीं दे रहे हैं।
मुकेश नायक ने गुरुवार को प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में पत्रकावा वार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि मध्य प्रदेश में हुए नर्सिंग घोटाले की जांच के लिए हाईकोर्ट के आदेश पर सीबीआई को जिम्मा सौंपा गया, लेकिन सीबीआई के जांचकर्ताओं ने ही जांच की धज्जियां उड़ाते हुये सीबीआई को ही कलंकित कर दिया। सीबीआई के अधिकारी 10-10 लाख रुपए लेते हुए पकड़े जा रहे हैं, यह कैसी सीबीआई जांच है? सीबीआई एजेंट जिन दोषियों की जांच करने आई थी, जांच करने से पहले ही सीबीआई के लोग ही गिरफ्तार हो गए देश में मध्य प्रदेश में यह पहला मामला होगा जब जांच कमेटी दोषियों को गिरफ्तार करने के पहले खुद ही गिरफ्तार हो गई।
मप्र विधानसभा में उपनेता प्रतिपक्ष हेमंत कटारे में नर्सिंग घोटाले को लेकर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुये कहा कि मप्र सरकार व्यापमं घोटाले से बाहर नहीं आ पाया और अब नर्सिंग घोटाले का कलंक लग गया। नर्सिंग घोटाले को उजागर करने वाले एनएसयुआई नेता रवि परमार को कई बार जेल भेजा गया, कई मुकदमें उन पर दर्ज किये गये, वहीं अपराधियों को सीबीआई की गिरफ्त में होने के बावजूद फोन पर बातचीत करते पाया गया, जिससे दोषियों के प्रति सरकार की मंशा उन्हें संरक्षण देने की स्पष्ट नजर आती है। मैं अपने विधायक साथियों के साथ विधानसभा में पूरी ताकत के साथ इस मामले को लेकर आवाज उठाऊंगा।
भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन मेडिकल विंग के प्रदेश समन्वयक रवि परमार ने बताया कि सीबीआई के अधिकारी और नर्सिंग कॉलेजों के संचालकों की गिरफ्तारी के बाद मप्र नर्सिंग रजिस्ट्रेशन काउंसिल ने विगत दिनों 2022-23 सत्र के 132 नर्सिंग कॉलेजों की छात्रों के नामांकन के लिए सूची जारी की, जिसमें उन कॉलेजों के नाम शामिल हैं, जिनके कॉलेज संचालकों की गिरफ्तारी हो चुकी है और जिनके प्राचार्य रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़े गये है। नर्सिंग फर्जीवाड़े के चलते मप्र के नर्सिंग छात्र-छात्राओं की पिछले चार साल से परीक्षाऐं नहीं हुई, जिससे उनका भविष्य बर्बाद किया जा रहा है। कॉलेजों की इतनी धज्जियां उड़ने और बड़े पैमाने पर फर्जीवाड़ा सामने आने पर अब उच्च न्यायालय के आदेश पर विगत 15 मई से परीक्षाएं आयोजित कराने का निर्णय लिया गया है।
प्रदेश कांग्रेस मीडिया विभाग के अध्यक्ष मुकेश नायक, भाराछांसगठन मेडिकल विंग के प्रदेश समन्वयक रवि परमार ने नर्सिंग घोटाले में हुये फर्जीवाड़े सहित पूरे मामले की जांच हाई कोर्ट के सिटिंग न्यायाधीश की निगरानी में कराये जाने की मांग की है।
MadhyaBharat
23 May 2024
All Rights Reserved ©2024 MadhyaBharat News.
Created By: Medha Innovation & Development
|