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मध्य प्रदेश। मप्र के बहुचर्चित नर्सिंग घोटाले के व्हिसिलब्लोअर रवि परमार ने खुद को जान का खतरा बताया है। एनएसयूआई नेता ने आशंका जताई है कि यह बड़ा मुद्दा उठाने की वजह से उनकी हत्या की साजिश रची जा रही है। रवि परमार ने सीएम डॉ. मोहन यादव को पत्र लिखकर सुरक्षा दिलाने की मांग की है। उन्होंने मुख्यमंत्री को एक पत्र लिखा है और उनसे मिलने का समय मांगा है और कहा है कि वह सीएम से मिलकर सारे सबूत सौंपना चाहता है।
नर्सिंग घोटाले के व्हिसिलब्लोअर और एनएसयूआई नेता रवि परमार ने अपने पत्र में लिखा कि मध्यप्रदेश में लंबे समय से नर्सिंग फर्जीवाड़ा चल रहा था। जिसको लेकर हम निरंतर शिकायत कर रहे थे। लेकिन, जिम्मेदार अधिकारियों द्वारा ध्यान नहीं दिया गया बल्कि घोटाले को दबाने के लिए प्रयास किए गए। मध्यप्रदेश के नर्सिंग कॉलेज फर्जीवाड़ा से प्रदेश के लाखों नर्सिंग छात्र छात्राओं का भविष्य अंधकारमय हो गया है, और पूरे भारत में मध्यप्रदेश की छवि धूमिल हुई है, इस नर्सिंग फर्जीवाड़े में कई बड़े शिक्षा माफिया, हवाला कारोबारी एवं मप्र शासन के ज़िम्मेदार अधिकारी शामिल हैं।
परमान ने कहा कि नर्सिंग घोटाले को उजागर करने के परिणाम स्वरूप पुलिस प्रशासन द्वारा मेरे ऊपर कई मुकदमे दर्ज कर दिए गए और मुझे आलोकतांत्रिक तरीके से जेल तक भेजा गया, लेकिन अब घोटाला सीबीआई की कार्यवाही से उजागर हो चुका हैं। नर्सिंग घोटाले की सभी साक्ष्य मेरे पास हैं जिसके चलते इसमें शामिल कई बड़े रसूखदार लोगों और वरिष्ठ अधिकारी जो मुझ जैसे छोटे से छात्र प्रतिनिधि के खिलाफ कुछ भी षड्यंत्र कर मेरी हत्या भी करवा सकते हैं या झूठे पुलिस प्रकरणों में भी फँसवा सकते हैं।
परमान ने कहा कि आपसे आग्रह हैं कि आप मुझे मुलाकात के लिए समय प्रदान करें हम एक प्रतिनिधिमंडल के साथ आपसे मुलाकात कर नर्सिंग घोटाले से जुड़े महत्वपूर्ण साक्ष्य आपको सौंप कर इस पूरी कार्यवाही में शासन और आपका सहयोग करना चाहता हूं। ताकि इस महाघोटाले के सभी दोषियों पर सख्त से सख्त सजा दिलाई जा सके और शिक्षा माफियाओं को जड़ से उखाड़ प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था को स्वच्छ किया जाये।
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