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इंदौर। भाजपा नेता अक्षय कांति बम और उनके पिता कांतिलाल बम को बुधवार को हाईकोर्ट से अग्रिम जमानत मिल गई है। अक्षय कांग्रेस से भाजपा में आए हैं। वे कांग्रेस के लोकसभा प्रत्याशी थे और चुनाव से ठीक पहले उन्होंने भाजपा ज्वाइन कर ली। इस वजह से इंदौर में कांग्रेस चुनाव ही नहीं लड़ पाई थी। जिला कोर्ट ने दोनों पिता-पुत्र के खिलाफ 17 वर्ष पुराने जमीन विवाद मामले में गत 24 अप्रैल को सुनवाई करते हुए हत्या के प्रयास की धारा 307 बढ़ाने के आदेश दिए थे। सुनवाई से गैरहाजिर रहने पर दोनों का गिरफ्तारी वारंट जारी किया गया था।
उनके वकील योगेश गुप्ता ने बताया कि इस मामले में अक्षय बम ने दो अलग-अलग अदालतों में याचिकाएं दायर कर रखी हैं। बुधवार को मध्य प्रदेश हाई कोर्ट की इंदौर खंडपीठ में हुई सुनवाई में बम की तरफ से कोर्ट को बताया गया कि 17 वर्ष पुरानी एफआईआर में गोली चलाने उल्लेख नहीं है। पुलिस को दिए बयान में भी फरियादी ने इसका कोई जिक्र नहीं किया है। तर्क सुनने के बाद कोर्ट ने बम की याचिका स्वीकार करते हुए पिता-पुत्र को अग्रिम जमानत का लाभ दे दिया, वहीं पुनर्विचार याचिका पर 5 जुलाई को सुनवाई होगी।
मामला 17 साल पुराना है। 2007 में फरियादी युनूस पटेल के खेत पर विवाद हुआ था। इसमें अक्षय बम और उनके पिता पर फायरिंग और बलवा आदि के आरोप थे। पुलिस ने सिर्फ हमला, मारपीट और धमकाने की रिपोर्ट दर्ज की थी। आरोप है कि यूनुस पर गोली भी चलाई गई थी, लेकिन खजराना पुलिस ने एफआईआर में हत्या के प्रयास की धारा नहीं जोड़ी थी। इसी के खिलाफ युनूस ने ट्रायल कोर्ट में आवेदन दिया था।
पिता-पुत्र को 10 मई को सत्र न्यायालय के समक्ष उपस्थित होना था, लेकिन वे उपस्थित नहीं हो सके। इस पर कोर्ट ने उनका गिरफ्तारी वारंट जारी कर दिया था। अक्षय और उनके पिता वारंट निकलने के बाद कोर्ट में पेश नहीं हुए और भाजपा नेताओं के साथ घूमते रहे। इसके बाद बीमारी का कारण बताकर दोनों ने माफी मांगी थी। पुलिस को अक्षय को गिरफ्तार करने के आदेश थे लेकिन 14 दिन बाद भी पुलिस उसे पकड़ नहीं पाई। बम ने वरिष्ठ अधिवक्ता अविनाश सिरपुरकर के माध्यम से हाई कोर्ट में अग्रिम जमानत के लिए याचिका दायर की थी जिसे न्यायमूर्ति प्रेमनारायण सिंह ने बुधवार को स्वीकार कर लिया।
MadhyaBharat
29 May 2024
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