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लखनऊ। केंद्र सरकार की ओर से संचालित तमाम गरीब कल्याणकारी योजनाओं को मिशन मोड में धरातल पर उतारने के मामले में उत्तर प्रदेश शीर्ष पर है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सतत मॉनीटरिंग के कारण योजनाओं को न केवल गुणवत्तापूर्ण और समयबद्ध ढंग से धरातल पर उतारा जा रहा है, बल्कि इस आधार पर तेज गति से विकास का यूपी मॉडल स्थापित हो रहा है।
वित्त मंत्रालय की ताजा रिपोर्ट के अनुसार प्रधानमंत्री जनधन योजना में भी यूपी शीर्ष पर है। देश में जनधन खाताधारकों की संख्या जहां 52 करोड़ से ऊपर है। यूपी में ये संख्या 09.33 करोड़ हो चुकी है। यह राज्यों के स्तर पर सर्वाधिक संख्या है। वहीं सबसे सुखद बात यह है कि इसमें भी लगभग 05 करोड़ जनधन खाताधारक महिलाएं हैं।
--रूपे कार्ड धारकों की संख्या भी यूपी में सर्वाधिक
केंद्रीय वित्त मंत्रालय के डिपार्टमेंट ऑफ फाइनेंशियल सर्विसेज़ की ओर से जारी ताजा आंकड़ों के अनुसार यूपी में प्रधानमंत्री जनधन योजना के अंतर्गत कुल 09 करोड़ 33 लाख 66 हजार 265 खाताधारक हैं। 29 मई 2024 तक के इन आंकड़ों पर नजर डालें तो इनमें 06 करोड़ 71 लाख 78 हजार 705 खाताधारक ग्रामीण और अर्धशहरी इलाकों के निवासी हैं, जबकि 02 करोड़ 61 लाख 87 हजार 560 खाताधारक शहरी और मेट्रो सिटी में रहने वाले गरीब हैं। इन 09.33 करोड़ खाताधारकों के खातों में कुल 47,427.21 करोड़ रुपये जमा हुए हैं। वहीं प्रदेश में रूपे कार्डधारकों की संख्या 06 करोड़ 14 लाख 39 हजार 064 है, जो देश में सर्वाधिक है। इसके अलावा देश में महिला जनधन खाताधारकों की संख्या जहां 29.11 करोड़ है। यूपी में यह संख्या लगभग 05 करोड़ है जो प्रदेश में कुल खाताधारकों की संख्या के आधे से अधिक है।
--एक साल में खुले 65 लाख नये अकाउंट
बीते वित्तीय वर्ष 2023-24 में प्रदेश में 65 लाख के करीब नए प्रधानमंत्री जनधन अकाउंट खोले गये हैं। इनमें से अब तक 91 प्रतिशत से अधिक जनधन खातों के आधार फीडिंग का भी कार्य पूरा हो चुका है। उल्लेखनीय है कि मार्च 2023 तक प्रदेश में जनधन खातों की संख्या 08.68 करोड़ थी जोकि मार्च 2024 में बढ़कर 09.28 करोड़ पहुंच गयी। ताजा आंकड़ों के अनुसार 29 मई 2024 तक यह संख्या 09.33 करोड़ हो चुकी है।
--अकाउंट में सीधे पहुंच रहा योजनाओं का लाभ, एक लाख का दुर्घटना बीमा भी शामिल
दरअसल, प्रधानमंत्री जनधन योजना एक राष्ट्रीय मिशन है। इसमें प्रत्येक परिवार के लिए कम से कम एक मूल बैंकिंग खाता, वित्तीय साक्षारता, ऋण की उपलब्धता, बीमा तथा पेंशन सुविधा सहित सभी बैंकिंग सुविधाएं उपलब्ध कराया जाना है। इसके अलावा, लाभार्थियों को रूपे डेबिट कार्ड दिया जाता है, जिसमें एक लाख रुपये का दुर्घटना बीमा कवर भी शामिल है। सबसे अहम बात यह कि इस योजना के अंतर्गत सभी सरकारी (केन्द्र, राज्य और स्थानीय निकाय से प्राप्त होने वाले) वित्तीय लाभों को लाभार्थियों के खातों में प्रत्यक्ष लाभांतरण (डीबीटी) के जरिए प्रदान किया जाता है। इससे लाभार्थियों को वित्तीय योजनाओं का लाभ शत प्रतिशत सीधे उनके बैंक अकाउंट में प्राप्त हो रहा है। इससे भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने में भी सफलता मिलती है।
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