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भोपाल। मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय की इंदौर खंडपीठ के आदेश पर धार की ऐतिहासिक भोजशाला में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) विभाग का सर्वे शुक्रवार को 85वें दिन भी जारी रहा। एएसआई के 16 अधिकारियों की टीम 36 श्रमिकों के साथ सुबह छह बजे भोजशाला परिसर में पहुंची और दोपहर 12 बजे बाहर आई। यहां टीम ने आधुनिक उपकरणों के जरिए वैज्ञानिक पद्धति से करीब छह घंटे काम किया। सर्वे टीम के साथ हिंदू पक्ष के गोपाल शर्मा, आशीष गोयल और मुस्लिम पक्ष के अब्दुल समद खान भी मौजूद रहे।
ज्ञानवापी की तर्ज पर जारी सर्वे के 85वें दिन एएसआई की टीम ने भोजशाला के गर्भगृह के सामने की तरफ पिछले दिनों में जो भी अब तक खुदाई की गई, उन सभी ट्रेंच को भरने का काम किया। इसके साथ ही फोटोग्राफी-वीडियोग्राफी की गई है। वहीं आज लेबलिंग का काम भी किया गया। उत्तर पूर्व के कोने में रखे हुए अवशेषों को वहां से शिफ्ट किया गया। इसके बाद वहां पर मिट्टी हटाने और खुदाई का काम किया गया।
सर्वे टीम के साथ मौजूद रहे हिन्दू पक्षकार गोपाल शर्मा ने बताया कि आज एएसआई ने भोजशाला के गर्भगृह में भराव करके गड्ढों को बंद कराया। उतरी भाग में मिट्टी हटाने का काम हुआ और यहां रखे पुरावशेषों को शिफ्ट किया गया। उन्होंने बताया कि सर्वे में अब तक 1600 से ज्यादा पुरावशेष मिल चुके हैं। इनमें अधिकांश प्राचीन मूर्तियां हैं।
शुक्रवार होने के कारण आज सर्वे दोपहर 12 बजे ही समाप्त कर दिया गया। इसके बाद दोपहर 1:00 बजे से 3:00 बजे तक मुस्लिम समाज के लोग भोजशाला परिसर पहुंचे और यहां जुमे की नमाज अदा की। इस दौरान सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए थे।
एएसआई की टीम भोजशाला के सर्वे की रिपोर्ट हाई कोर्ट में प्रस्तुत करने की तैयारी कर रही है। हाई कोर्ट ने इस मामले में सुनवाई की तिथि 4 जुलाई तय की है। ऐसे में एएसआई दो जुलाई को सर्वे रिपोर्ट प्रस्तुत कर सकती है। इसके लिए अब तक के सर्वे का ब्यौरा तैयार किया जा रहा है। हालांकि अभी तक स्पष्ट नहीं हो सका है कि सर्वे कहां तक पहुंचा है, लेकिन समझा जा रहा है कि एएसआई ने खुदाई में काफी हद तक यह साक्ष्य एकत्र कर लिए हैं, जिससे वह हाई कोर्ट में बता सके कि भोजशाला में वास्तव में क्या था।
उल्लेखनीय है कि भोजशाला मुक्ति यज्ञ की ओर से भोजशाला के प्राचीन सरस्वती मंदिर होने का दावा प्रस्तुत करते हुए इस मामले में हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की गई है। इस पर ही इंदौर खंडपीठ ने एएसआई को सर्वे करके वास्तविक स्थिति का पता लगाने के आदेश दिए थे और सर्वे रिपोर्ट मांगी थी। 22 मार्च से सर्वे प्रारंभ किया गया। सर्वे की समय सीमा 27 जून तक निर्धारित है।
MadhyaBharat
15 June 2024
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