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भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने शनिवार को निवास कार्यालय, समत्व भवन में आयोजित बैठक में भोपाल एवं इंदौर के मेट्रो प्रोजेक्ट की समीक्षा की एवं महत्वपूर्ण दिशा-निर्देश दिए। बैठक में बताया गया कि सुभाष नगर से करोंद का कार्य प्रारंभ किया जाएगा। संपूर्ण प्रोजेक्ट वर्ष 2027 तक पूर्ण होगा। वर्ष 2031 तक साढ़े चार लाख लोग प्रतिदिन मेट्रो में सफर करेंगे। इंदौर मेट्रो का कार्य 40 प्रतिशत तक पूर्ण हो गया है। भोपाल में 27 और इंदौर में 25 मेट्रो ट्रेनें चलाई जाएंगी। मेट्रो स्टेशन पर महिलाओं, दिव्यांगजनों का विशेष ध्यान रखते हुए यात्रियों को अनेक सुविधाएं मिलेंगी। बैठक में में नगरीय प्रशासन एवं आवास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय, राज्यमंत्री प्रतिभा बागरी, मेट्रो रेल प्रोजेक्ट के एमडी सीबी चक्रबर्ती समेत भोपाल और इंदौर के अफसर शामिल हुए।
8.77 किमी में से 3.39 किमी लंबा रूट अंडरग्राउंड रहेगा
सुभाष नगर से करोंद के बीच 8.77 किलोमीटर लाइन बिछेगी। जिन जगहों पर पिलर खड़े होंगे, वहां मिट्टी की टेस्टिंग भी शुरू कर दी गई है। भारतीय मृदा विज्ञान संस्थान के ठीक सामने मेट्रो का पहला पिलर बनेगा। सड़क के इस हिस्से को आसपास से कवर किया गया है। सुभाष नगर से करोंद के बीच 8.77 किलोमीटर में से 3.39 किलोमीटर लंबा रूट अंडरग्राउंड रहेगा।
रेलवे ट्रैक और मेन रोड पर बन रहे दो स्टील ब्रिज
भोपाल में मेट्रो के लिए 103 मीटर लंबे दो स्टील ब्रिज बनाए जा रहे हैं। डीआरएम ऑफिस में पहले 48 मीटर लंबे ब्रिज का काम पिछले तीन महीने से चल रहा है। 65 मीटर लंबा दूसरा ब्रिज रेलवे ट्रैक के ऊपर से गुजरेगा। इसके लिए रेलवे से अप्रूवल अभी नहीं मिली है। दूसरी ओर, सड़क के ऊपर जो ब्रिज बनना है, उसका स्ट्रक्चर पूरा हो गया है। ये ब्रिज राजस्थान के अलवर में बने हैं। ये दिल्ली मेट्रो जैसे ही डिजाइन किए गए हैं। गौरतलब है कि गुजरात के सांवली (बड़ोदरा) से भोपाल में कुल 5 मेट्रो आ चुकी है। इनका 80 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से स्पीड ट्रायल भी हो चुका है। हर दिन मेट्रो को ट्रैक पर दौड़ाया जा रहा है।
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