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नई दिल्ली। तमिलनाडु के कल्लाकुरिची जिले के करुणापुरम में जहरीली शराब त्रासदी में मरने वालों की संख्या 53 तक पहुंच गई है। पीड़ितों में चार महिलाएं और एक ट्रांसपर्सन शामिल हैं। बुधवार को हुई इस घटना के बाद राज्य की स्टालिन सरकार के खिलाफ विपक्ष एकजुट होकर उभरा है। विपक्ष ने इस घटना को लेकर सदन के भीतर व बाहर आवाज उठाई है।
शुक्रवार रात जहरीली शराब के कारण तीन और लोगों की जान जाने से तमिलनाडु के कल्लाकुरिची जहरीली शराब त्रासदी में मरने वालों की संख्या बढ़कर 53 हो गई है। शुक्रवार रात को दम तोड़ने वालों में ज्यादातर करुणापुरम के रहने वाले थे।
जानकारी के मुताबिक, जहरीली शराब कांड के इलाज करा रहे 29 पीड़ितों की मौत सरकारी कल्लाकुरिची मेडिकल कॉलेज अस्पताल में हुई है। जबकि सेलम के सरकारी मोहन कुमारमंगलम मेडिकल कॉलेज अस्पताल में 17, सरकारी विल्लुपुरम मेडिकल कॉलेज अस्पताल में 4 और पुडुचेरी के जवाहरलाल इंस्टीट्यूट ऑफ पोस्ट ग्रेजुएट मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च (जिपमेर) में 3 लोगों की मौत हुई है। पांच महिलाओं समेत जहरीली शराब कांड के कुल 141 अन्य पीड़ितों का सरकारी कल्लाकुरिची मेडिकल कॉलेज अस्पताल और पुडुचेरी के सलेम, विल्लुपुरम और जिपमेर के सरकारी मेडिकल कॉलेज अस्पतालों में इलाज चल रहा है।
उल्लेखनीय है कि बुधवार रात जहरीली शराब पीने वाले लोगों में सांस की दिक्कत, अंधता और शरीर में तेज दर्द की शिकायत के बाद अस्पतालों में भर्ती कराया गया। जहां मरने वालों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है। इस घटना को लेकर राज्य की स्टालिन सरकार सवालों के घेरे में है। विपक्षी दलों का कहना है कि स्टालिन को इन मौतों की जिम्मेदारी लेते हुए पद से इस्तीफा देना चाहिए। भाजपा के तमिलनाडु अध्यक्ष अन्नामलाई ने इस घटना को लेकर केंद्रीय गृहमंत्री को पत्र लिखकर घटना की सीबीआई जांच की मांग की।
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