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भोपाल। भारतीय जनता पार्टी प्रदेश कार्यालय में मंगलवार को आपातकाल की 50 वीं बरसी पर मीसाबंदियों को सम्मानित करते हुए प्रदेश के पूर्व मंत्री व वरिष्ठ नेता डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि कांग्रेस और इंडी गठबंधन के नेता संसद में संविधान की प्रति हाथ में लेकर पहुंचे थे। लोकसभा चुनाव के दौरान संविधान और लोकतंत्र को बचाने का कांग्रेस और इंडी गठबंधन ने झूठा प्रचार-प्रसार किया। हकीकत में कांग्रेस राज में 100 से ज्यादा बार संविधान में संशोधन किया गया। जब 1975 में आज के दिन रात को 2 बजे तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने इमरजेंसी लगाई थी उस समय सोनिया गांधी बहू के नाते वहां पर मौजूद थी। तब सोनिया गांधी ने संविधान बचाने की बात नहीं की,लेकिन पिछले कल जब संसद भवन पहुंचीं तो उनके हाथ में संविधान की प्रति थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व संविधान को कोई खतरा नहीं है। झूठा प्रचार-प्रसार जो कांग्रेस और उसके सहयोग दल कर रहे हैं हमें उसका सच बताना होगा।
कार्यक्रम को भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश महामंत्री व विधायक भगवानदास सबनानी एवं लोकतंत्र सेनानी संघ (मीसाबंदी) के प्रदेश अध्यक्ष तपन भौमिक ने भी संबोधित किया।
प्रधानमंत्री मोदी ने देश के बेटों को चुना, इंडी गठबंधन ने अपनों को चुना
डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि राहुल गांधी झूठ की मशीन है। संकट संविधान और लोकतंत्र पर नहीं है,बल्कि राहुल और गांधी परिवार के साथ-साथ अपने परिवार को स्थापित करने वाले इंडी गठबंधन पर है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हमेशा देश के बेटों को स्थापित करने के लिए चुना और कांग्रेस -इंडी गठबंधन ने अपनों को स्थापित करने के लिए एक-दूसरे को चुना है। पिछले तीन लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने अपने शासनकाल में किए गए विकास कार्यों का जिक्र नहीं किया सिर्फ आरक्षण,संविधान और लोकतंत्र खतरे में है इसको लेकर झूठा-प्रचार किया। तमिलनाडु में कांग्रेस की सरकार में 50 से ज्यादा लोगों की जहरीली शराब पीने से अकाल मौत हो गई,लेकिन एक भी इंडी गठबंधन का कोई नेता कुछ नहीं बोला। जिन राज्यों में भाजपा की सरकार है वहां कुछ होता है तो संविधान और लोकतंत्र को खतरा बताने लगते हैं। हम बाबा साहेब डॉ. अंबेडकर के अनुयायी हैं हमारे शासन में संविधान को कोई खतरा नहीं हो सकता है।
आपातकाल में न कोई अपील चलती थी न कोई दलील
पार्टी के प्रदेश महामंत्री व विधायक भगवानदास सबनानी ने कहा कि संविधान की हत्या कांग्रेस ने कर इमरजेंसी लगाई थी। उस समय न कोई अपील चलती थी न कोई दलील। आपातकाल के दौरान भोपाल समेत प्रदेश भर के लोगों को जबरन जेलों में डाला गया और चौथे स्तंभ पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया। कोई खबर बिना कलेक्टर या अन्य अधिकारी के देखे बगैर नहीं प्रकाशित हो सकती थी। आज प्रदेश भर के जिला मुख्यालयों सहित संभागीय कार्यालयों में मीसाबंदियों का सम्मान किया गया।
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