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नई दिल्ली। दिल्ली हाई कोर्ट की डिवीजन बेंच ने कथित रूप से झूठा चुनावी हलफनामा दाखिल करने को लेकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को वाराणसी लोकसभा सीट से चुनाव लड़ने से अयोग्य करने की मांग खारिज कर दी है। कार्यकारी चीफ जस्टिस मनमोहन की अध्यक्षता वाली बेंच ने याचिकाकर्ता के आरोपों को बेतुके बताया। साथ ही कहा कि वो या तो मतिभ्रम के शिकार हैं या किसी अन्य मानसिक समस्या से पीड़ित हैं। उन्हें चिकित्सा सहायता लेने की जरूरत है। हाई कोर्ट ने अधिकारियों को याचिकाकर्ता पर नजर रखने का भी निर्देश दिया।
यह याचिका कैप्टन दीपक कुमार ने दायर की थी। याचिकाकर्ता ने इसके पहले हाई कोर्ट की सिंगल बेंच के समक्ष याचिका दायर की थी। सिंगल बेंच ने याचिका खारिज करते हुए कहा था कि याचिका बिना किसी आधार के दायर की गई है और इसका उद्देश्य केवल सनसनी पैदा करना है। याचिका में आरोप लगाया गया था कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 2018 में एयर इंडिया की फ्लाइट को क्रैश कराने की साजिश रचकर राष्ट्रीय सुरक्षा को अस्थिर करने का प्रयास किया था। याचिकाकर्ता उस फ्लाइट का पायलट था।
याचिका में कहा गया था कि प्रधानमंत्री और उनके सहयोगियों ने उनके खिलाफ लगे गंभीर आरोपों की जांच को बाधित करने की कोशिश की थी। याचिका में कहा गया था कि याचिकाकर्ता अनुसूचित जाति का है, इसलिए प्रधानमंत्री और उनके सहयोगियों ने उसका आर्थिक और सामाजिक बहिष्कार करने की कोशिश की। याचिका में कहा गया था कि प्रधानमंत्री ने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए खुद को कानूनी जांच से बचने की कोशिश की।
याचिका में कहा गया था कि प्रधानमंत्री की इस कोशिश में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, ज्योतिरादित्य सिंधिया और दूसरे सहयोगियों ने मदद की थी। याचिका में कहा गया था कि प्रधानमंत्री चुनाव में एक उम्मीदवार हैं और उन्हें इस मामले की जानकारी अपने चुनावी हलफनामे में देनी चाहिए थी। ये जानकारी छिपाकर प्रधानमंत्री ने नियमों का उल्लंघन किया है। याचिकाकर्ता ने अपनी याचिका में प्रधानमंत्री पर साक्ष्यों को मिटाने और एयर इंडिया को बेचने में सक्रिय भूमिका निभाने का आरोप लगाया था। एयर इंडिया ने बाद में याचिकाकर्ता के सर्विस रिकॉर्ड में हेराफेरी कर उसका पायलट का लाइसेंस रद्द कर दिया था।
MadhyaBharat
3 July 2024
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