Since: 23-09-2009

  Latest News :
प्रधानमंत्री मोदी और भूटान नरेश ने की द्विपक्षीय बैठक.   दिल्ली विधानसभा अध्यक्ष राम निवास गोयल का चुनावी राजनीति से संन्यास का ऐलान.   उत्तरी अरब सागर में डूबे भारतीय पोत के 12 सदस्यों को आईसीजी ने बचाया.   झारखंड में हेमंत मंत्रिपरिषद का विस्तार .   लोकसभा में नहीं पारित हो सका रेलवे विधेयक.   पुंछ में नियंत्रण रेखा के पास सेना के जवानों ने की गोलीबारी.   इंदौर और धार जिले में व्यापारियों के ठिकानों पर आयकर का छापा.   बिजासन घाट पर ब्रेकफेल होने से आगे चल रहे ट्रक में घुसी बस.   पटवारी 40 हजार रुपये की रिश्वत लेते रंगेहाथो गिरफ्तार.   बच्चों को अवश्य पिलाएं \"दो बूंद जिन्दगी की\" : मुख्यमंत्री डॉ. यादव.   देश की एकता व अखंडता के लिए खतरा हैं 6 करोड़ घुसपैठिए: अश्विनी उपाध्याय.   क्रांतिसूर्य टंट्या मामा भारत के जनजातीय गौरव पुरूष थे : मुख्यमंत्री डॉ. यादव.   रक्षा विभाग के रिटायर्ड अधिकारी से नाै लाख से ज्यादा की ऑनलाइन ठगी.   छत्तीसगढ़ के अबूझमाड़ में हुए मुठभेड़ में एक डीआरजी जवान बलिदान .   नक्सलियों ने भाजपा से जुडे दो पूर्व सरपंचों की हत्या कर दी.   छत्तीसगढ़ में अब तक 26.04 लाख मीट्रिक टन धान की हुई खरीद.   रेलवे ने नाै लोकल ट्रेनों को किया रद्द .   पिकअप वाहन और कार की टक्कर में तीन लोगों की मौत .  
जम्मू-कश्मीर के राजनीतिक दलों ने उप राज्यपाल को अधिक अधिकार देने का किया विरोध
srinagar,Political parties , Lieutenant Governor

श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर के राजनीतिक दलों ने पुलिस और अखिल भारतीय सेवा के अधिकारियों से संबंधित मामलों पर निर्णय लेने के लिए केंद्र शासित प्रदेश के उपराज्यपाल को और अधिक अधिकार देने के केंद्र सरकार के कदम का कड़ा विरोध किया है।

 नेशनल कॉन्फ्रेंस और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी ने कहा कि यह निर्णय जम्मू-कश्मीर के लोगों को अशक्त करेगा। कांग्रेस ने इसे “लोकतंत्र की हत्या” करार दिया। जम्मू-कश्मीर अपनी पार्टी ने सभी दलों से मतभेदों को दूर करने और इस कदम के खिलाफ एकजुट होकर विरोध करने का आह्वान किया।

नेशनल कॉन्फ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने कहा कि जम्मू-कश्मीर के लोग एक शक्तिहीन रबर स्टैम्प मुख्यमंत्री से बेहतर के हकदार हैं जिसे एक चपरासी की नियुक्ति के लिए उप राज्यपाल से भीख मांगनी पड़ेगी। हालांकि पूर्ववर्ती जम्मू-कश्मीर राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री उमर ने कहा कि यह कदम एक और संकेत है कि जम्मू-कश्मीर में चुनाव नजदीक हैं। इसलिए जम्मू-कश्मीर के लिए पूर्ण, अविभाजित राज्य का दर्जा बहाल करने के लिए समयसीमा निर्धारित करने की दृढ़ प्रतिबद्धता इन चुनावों के लिए एक शर्त है। जम्मू-कश्मीर के लोग शक्तिहीन, रबर स्टैम्प सीएम से बेहतर के हकदार हैं जिन्हें अपने चपरासी की नियुक्ति के लिए एलजी से भीख मांगनी पड़ेगी। 

नेशनल कॉन्फ्रेंस के मुख्य प्रवक्ता तनवीर सादिक ने इस फैसले को केंद्र में भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार द्वारा लोगों को अशक्त करने के लिए सत्ता का घोर दुरुपयोग करार दिया। इसका उद्देश्य केवल जम्मू-कश्मीर के लोगों की लोकतांत्रिक आवाज को कमजोर करना है। उन्होंने कहा कि एक निर्वाचित सरकार के बजाय एक अनिर्वाचित उप राज्यपाल को अधिकार देने की केंद्र की प्राथमिकता जम्मू-कश्मीर में लोकतांत्रिक रूप से चुनी गई सरकार के भविष्य को कमजोर करने का एक स्पष्ट प्रयास है। 

पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती की बेटी और उनकी मीडिया सलाहकार इल्तिजा मुफ्ती ने कहा कि यह आदेश जम्मू-कश्मीर में निर्वाचित सरकार की शक्तियों को कम करने का प्रयास करता है। गृह मंत्रालय का यह नया आदेश एक अनिर्वाचित एलजी की पहले से ही बेलगाम शक्तियों को और बढ़ा देता है, कुछ बातें पूरी तरह से स्पष्ट कर देता है। उन्होंने कहा कि आदेश से यह स्पष्ट हो जाता है कि इसी साल विधानसभा चुनाव कराए जाएंगे और केंद्र अच्छी तरह जानता है कि अगर और जब जम्मू-कश्मीर में राज्य चुनाव होते हैं तो एक गैर-भाजपा सरकार चुनी जाएगी।

जम्मू-कश्मीर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष विकार रसूल वानी ने इस कदम को लोकतंत्र की हत्या करार दिया। उन्होंने कहा कि गृह मंत्रालय ने पुलिस, कानून और व्यवस्था सहित अधिक शक्तियां दी हैं और अधिकारियों के तबादले आदि एलजी के हाथों में हैं।

अपनी पार्टी के प्रमुख अल्ताफ बुखारी ने जम्मू-कश्मीर के राजनीतिक दलों से मतभेदों को दूर करने और केंद्र के कदम के खिलाफ एकजुट होकर आवाज उठाने की अपील की। बुखारी ने संवाददाताओं से कहा कि इस नए फैसले का उद्देश्य राज्य को खोखला बनाना है जिसमें निर्वाचित सरकार के लिए कोई शक्ति नहीं बचेगी। जम्मू-कश्मीर के लोग इसका समर्थन नहीं करते हैं।  

 

उल्लेखनीय है कि केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर के उप राज्यपाल को पुलिस, आईएएस और आईपीएस जैसी अखिल भारतीय सेवाओं के अधिकारियों पर निर्णय लेने और विभिन्न मामलों में अभियोजन के लिए मंजूरी देने के लिए अधिक अधिकार दिए हैं। भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो से संबंधित मामलों के अलावा महाधिवक्ता और अन्य न्यायिक अधिकारियों की नियुक्ति के बारे में निर्णय भी उप राज्यपाल द्वारा लिए जाएंगे। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम, 2019 के तहत नियमों में संशोधन किया जिसे पूर्ववर्ती जम्मू-कश्मीर राज्य को जम्मू-कश्मीर और लद्दाख केंद्रशासित प्रदेशों में विभाजित करने के लिए अधिनियमित किया गया था।

 

 

MadhyaBharat 13 July 2024

Comments

Be First To Comment....
Video

Page Views

  • Last day : 8641
  • Last 7 days : 45219
  • Last 30 days : 64212


x
This website is using cookies. More info. Accept
All Rights Reserved ©2024 MadhyaBharat News.