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वायु सेना के एयर शो में आसमानी करतब
new delhi, Sukhoi and Rafale , Air Force air show

 

नई दिल्ली। भारतीय वायु सेना ने कारगिल युद्ध में विजय के 25 वर्ष पूरे होने पर सहारनपुर के सरसावा स्टेशन में 'कारगिल विजय दिवस रजत जयंती' समारोह शुरू किया है, जो 26 जुलाई तक चलेगा। सरसावा एयरफोर्स स्टेशन पर वायु सैनिक एक चॉपर से रस्सी के सहारे लटक कर हवा में उड़े, जिसे देखने के बाद दर्शकों का जोश हाई हो गया। एयर शो में फाइटर जेट सुखोई, राफेल, जगुआर, एमआई-17 वी5 हेलीकॉप्टर, एएन-32 और डोर्नियर विमानों ने हैरतअंगेज करतब दिखाए। एक तरफ वायु सेना के हेलीकॉप्टरों ने साथ उड़ान भरी तो दूसरी तरफ फाइटर जेट आसमान को चीरते हुए ऊपर निकल गए।
 
भारतीय वायु सेना के पास अपने वीर वायु योद्धाओं के साहस और बलिदान की एक गौरवशाली विरासत है, जिन्होंने वर्ष 1999 के कारगिल युद्ध में अदम्य साहस से लड़ाई लड़ी थी। पाकिस्तान पर भारत की यह तीसरी जीत वास्तव में सैन्य विमानन के इतिहास में एक मील का पत्थर था। कारगिल युद्ध (ऑपरेशन सफेद सागर) में भारतीय वायु सेना ने 16 हजार फीट से अधिक की खड़ी ढलान और चक्करदार ऊंचाइयों की चुनौतियों का सामना करने में अपनी सैन्य क्षमता का प्रमाण दिया है। इस युद्ध के दौरान दुश्मन को निशाना बनाने में अद्वितीय परिचालन बाधाएं थीं। इसके बावजूद दुनिया के सबसे ऊंचे युद्धक्षेत्र में लड़े गए इस युद्ध को जीतने के लिए ऑन-द-जॉब-ट्रेनिंग में भारतीय वायु सेना का स्थान श्रेष्ठ रहा। 
 
भारतीय वायु सेना ने कुल मिलाकर लगभग 5000 स्ट्राइक मिशन, 350 टोही, ईएलआईएनटी मिशन और लगभग 800 एस्कॉर्ट उड़ानें भरीं। भारतीय वायु सेना ने घायलों को निकालने और हवाई परिवहन कार्यों के लिए 2000 से अधिक हेलीकॉप्टर उड़ानें भी भरीं। कारगिल विजय दिवस पर देश के लिए सर्वोच्च बलिदान देने वाले शहीदों को सम्मानित किया जाता है। वायु सेना स्टेशन सरसावा की 152 हेलीकॉप्टर यूनिट, 'द माइटी आर्मर' ने ऑपरेशन सफेद सागर के दौरान महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। इस दौरान बलिदान देने वाले चार वायु योद्धाओं का नाम हमेशा के लिए भारतीय वायु सेना के इतिहास में सुनहरे अक्षरों में लिखा जायेगा।
 
दरअसल, युद्ध के दौरान 28 मई, 99 को 152 एचयू के स्क्वाड्रन लीडर आर पुंडीर, फ्लाइट लेफ्टिनेंट एस मुहिलान, सार्जेंट पीवीएनआर प्रसाद और सार्जेंट आरके साहू को टोलोलिंग में दुश्मन के ठिकानों पर लाइव स्ट्राइक के लिए 'नुबरा' फॉर्मेशन के रूप में उड़ान भरने की जिम्मेदारी दी गई थी। इस हवाई हमले को सफलतापूर्वक अंजाम देने के बाद उनके हेलीकॉप्टर को दुश्मन की स्टिंगर मिसाइल ने मार गिराया, जिसमें चार वीर सैनिकों ने प्राणों का बलिदान दिया। इस असाधारण साहस कार्य के लिए उन्हें मरणोपरांत वायु सेना पदक (वीरता) से सम्मानित किया गया। 
 
वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी ने 13 जुलाई को वरिष्ठ गणमान्य अधिकारियों, बहादुरों के परिवारों, दिग्गजों और सेवारत भारतीय वायु सेना अधिकारियों के साथ राष्ट्र की सेवा में अपने प्राणों का बलिदान देने वाले सभी वायु सैनिकों को सरसावा स्टेशन के युद्ध स्मारक पर पुष्पांजलि अर्पित की। इस कार्यक्रम के दौरान वायु सेना प्रमुख ने उनके परिजनों को सम्मानित किया और उनसे बातचीत की। इस मौके पर शानदार एयर शो भी हुआ, जिसमें आकाश गंगा टीम और जगुआर, सुखोई-30 एमकेआई और राफेल लड़ाकू विमानों ने हवाई प्रदर्शन किये। 
 
कृत्रिम रूप से दर्शाई गई कारगिल पहाड़ियों पर हवाई ग्रेनेड फेंके गए। लड़ाकू सुखोई की आसमानी कलाबाजी देखकर दर्शकों के रोंगटे खड़े हो गए। शहीद नायकों की पुण्य स्मृति में एमआई-17 वी5 हेलीकॉप्टर ने 'मिसिंग मैन फॉर्मेशन' में उड़ान भरी। इस अवसर पर भारतीय वायु सेना के हेलीकॉप्टरों चीता और चिनूक का स्थिर प्रदर्शन भी किया गया। इस अवसर पर एयर वॉरियर ड्रिल टीम और वायु सेना बैंड ने अपनी प्रस्तुतियों में मधुर स्वर लहरियों के बीच वीर सैनिकों की शौर्य गाथाएं सुनाई। इस कार्यक्रम को 5000 से अधिक दर्शकों ने देखा, जिनमें स्कूली बच्चे, सहारनपुर क्षेत्र के स्थानीय निवासी, पूर्व सैनिक, गणमान्य नागरिक और रुड़की, देहरादून और अंबाला के रक्षा बलों के कार्मिक गण शामिल थे।
 
MadhyaBharat 14 July 2024

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