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भोपाल। मध्य प्रदेश के करीब ढाई लाख संविदा अधिकारियों-कर्मचारियों का मानदेय एक अप्रैल 2024 से 700 रुपये से लेकर ढाई हजार रुपये तक बढ़ जाएगा। उपभोक्ता मूल्य सूचकांक के आधार पर सरकार ने संविदा कर्मचारियों को 3.85 प्रतिशत की वृद्धि दर से वार्षिक वृद्धि देने का निर्णय लिया है। इसके लिए बजट में प्रावधान भी रखा गया है। संविदा कर्मचारियों को महंगाई भत्ते के स्थान पर उपभोक्ता मूल्य सूचकांक के आधार पर वार्षिक वेतन वृद्धि देने का प्रावधान है।
मध्य प्रदेश संविदा कर्मचारी-अधिकारी महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष रमेश राठौर ने बुधवार को जानकारी देते हुए बताया कि वित्त विभाग ने वर्ष 2023 में संविदा नीति जारी की है, जिसमें यह तय किया गया है कि हर साल एक अप्रैल को संविदा अधिकारियों-कर्मचारियों की महंगाई दर (उपभोक्ता मूल्य सूचकांक) में वृद्धि की जाएगी। उन्होंने कहा कि भारत सरकार ने उपभोक्ता मूल्य सूचकांक जारी किया है, लेकिन राज्य सरकार ने इन कर्मचारियों के मानदेय में 3.87 प्रतिशत की वृद्धि की है, जिससे इनके पारिश्रमिक में 785 से 2535 रुपये प्रतिमाह का लाभ देखने को मिलेगा। आदेश एक अप्रैल 2024 से लागू माना जाएगा। फिलहाल, तीन माह का एरियर दिया जाएगा या नहीं आदेश में इसका उल्लेख नहीं किया गया है।
दरअसल, सरकार ने अप्रैल में सीपीआई इंडेक्स दर जारी नहीं की थी, लेकिन जब महासंघ ने मुख्यमंत्री, वित्त मंत्री, मुख्य सचिव, वित्त और सामान्य प्रशासन विभाग के प्रमुख सचिव को ज्ञापन सौंपा एवं आंदोलन की चेतावनी दी, तब वित्त विभाग ने यह आदेश जारी किए हैं। इससे संविदा कर्मचारियों को फायदा तो होगा, पर उतना नहीं होगा, जितना अन्य राज्यों के संविदा कर्मचारियों को मिलेगा।
हालांकि, संविदा कर्मचारी-अधिकारी महासंघ ने इस सीपीआई इंडेक्स दर पर आपत्ति जताई है। महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष रमेश राठौर ने कहा कि भारत सरकार ने 5.39 प्रतिशत का सीपीआई इंडेक्स जारी किया है, यहां भी वही जारी किया जाना था। वहीं नियमित कर्मचारियों के समान तीन प्रतिशत इंक्रीमेंट भी देना था। मुख्य सचिव को ज्ञापन देकर कहेंगे कि संविदा कर्मचारी कोई मजदूर नहीं है, जो सीपीआई इंडेक्स दिया जा रहा है। इसे समाप्त कर पहले की तरह महंगाई भत्ता ही दिया जाए।
MadhyaBharat
24 July 2024
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