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नई दिल्ली । तमिलनाडु के मुख्यमंत्री ने शनिवार सुबह एक्स पर कहा है कि वे नीति आयोग की बैठक में इसलिए हिस्सा नहीं ले रहे हैं, क्योंकि केन्द्र सरकार ने राज्य के हितों की अनदेखी और राज्य के लोगों की उपेक्षा की है। उन्होंने कहा है कि संसद में पेश किया केन्द्रीय बजट भारतीय जनता पार्टी को वोट नहीं देने वाले राज्यों के प्रति प्रतिशोध की कार्रवाई की तरह है। इंडी गठबंधन को वोट देने वालों से बदला लेने के लिए बजट तैयार किया है।
उन्होंने कहा कि तमिलनाडु में ऐसा नहीं होता कि जो आपको वोट दे उसी का काम किया जाना चाहिए। राज्य में सभी का काम एक समान होता है यही सरकार की जिम्मेदारी है, लेकिन केन्द्र सरकार ने बजट में सिर्फ बिहार और आंध्र प्रदेश को बहुत कुछ दिया है क्योंकि उनके सहारे सरकार चल रही है। इसी तरह भाजपा शासित प्रदेशों को भी बजट में अच्छा हिस्सा मिला है, लेकिन तमिलनाडु में दो प्राकृतिक आपदाओं के बावजूद मांग से काफी कम बजट आवंटित किया गया है। इसलिए डीएमके सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करेगी। उधर, द्रमुक के सांसद और नेता बजट में तमिलनाडु की अनदेखी करने के विरोध में राज्य में धरना प्रदर्शन कर रहे हैं।
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