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कोलकाता । नीति आयोग की बैठक में कथित तौर पर ममता बनर्जी को अपमानित किये जाने को लेकर पश्चिम बंगाल विधानसभा में सोमवार को एक विशेष प्रस्ताव पेश किया गया।
ममता कैबिनेट के सदस्य मानस भुईया ने उक्त प्रस्ताव पेश किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि यह गंभीर चिंता का विषय है कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का माइक्रोफोन नई दिल्ली में 27 जुलाई को आयोजित नीति आयोग की बैठक में उस वक्त बंद कर दिया गया, जब वह राज्य की ओर से बोल रही थीं। यह सहकारी संघवाद की भावना के खिलाफ है, जो अब माइक्रोफोन बंद करने तक सिमट गई है। भुईया ने कहा कि सदन ने नीति आयोग की बैठक के दौरान मुख्यमंत्री के साथ हुए व्यवहार पर अपना आक्रोश व्यक्त किया। तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के विधायकों ने 27 जुलाई को नीति आयोग की बैठक में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के साथ कथित बेइज्जती की निंदा की।
दूसरी तरफ भाजपा विधायक शंकर घोष ने इस नोटिस का विरोध करते हुए कहा कि ममता बनर्जी ने बैठक से बाहर आने के बाद जो भी कहा, वह विधानसभा में आधिकारिक रूप से चर्चा के लिए उपयुक्त नहीं है। उन्होंने कहा कि ममता बनर्जी ने जो कुछ भी कहा, वह आधिकारिक नहीं था, क्योंकि वह नीति आयोग की आधिकारिक बैठक के बाहर बोली थीं। इसके बाद भाजपा विधायकों ने विधानसभा से वॉकआउट कर दिया। इससे पहले स्पीकर बिमान बनर्जी ने विशेष नोटिस पर चर्चा की सुविधा के लिए प्रश्नकाल सत्र को स्थगित कर दिया था।
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