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भोपाल । मप्र कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने राेजगार आैर कानून व्यवस्था के मुद्दे पर प्रदेश सरकार पर निशाना साधा है। उन्हाेंने कहा कि मप्र के बेरोजगार लगातार महंगाई व बेरोजगारी की डबल मार झेल रहे हैं। कथित डबल इंजन की सरकार डबल दंश देकर बेरोजगारों को डसने का काम कर रही है। साथ ही कानून और स्वास्थ्य के क्षेत्र के मामले में निरंतर ऐसे हादसे, ऐसी घटनाएं सामने आ रही है जिससे पूरा प्रदेश राष्ट्रीय स्तर पर शर्मसार हो रहा है।
जीतू पटवारी ने मंगलवार काे कहा कि कुछ माह पहले तक जिस रोजगार पोर्टल पर मध्यप्रदेश में 42 लाख पढ़े लिखे युवा बेरोजगार के रूप में पंजीकृत थे, प्रदेश की डॉ. मोहन यादव सरकार ने बेरोजगारी कम करने की बजाय बेरोजगारों का आंकड़ा फर्जी तरीके से कम कर दिया, जिससे बेरोजगारों की संख्या आज पोर्टल के अनुसार केवल 26 लाख रह गई है। बजट में भी सरकार ने इसी तरह के आंकड़ों की बाजीगरी कर बेरोजगारों को छला है। उन्हाेंने कहा कि ईपीएफओ का डाटा बताता है कि लाखों नौकरियां देने का दावा करने वाली मोहन यादव सरकार का दावा पूरी तरह से फर्जी है तथा मप्र में रोजगार देने के बजाय उल्टा छीने गये हैं। बीते 5 साल में नौकरियों में सबसे बड़ी गिरावट आयी है। जहां रोजगार तेजी से घट रहे हैं, उनमें मप्र टॉप 5 राज्यों में शामिल है। मध्यप्रदेश में 29 हजार नौकरियां कम होना भी बेहद चिंताजनक और बेरोजगारों के लिए गंभीर मसला है।
कानून एवं स्वास्थ्य व्यवस्था ध्वस्त
जीतू पटवारी ने कहा कि पूरे प्रदेश में कानून व्यवस्था की स्थिति पूरी तरह लचर है और स्वास्थ्य सुविधाओं ध्वस्त हैं। दलित, आदिवासियों पर निरंतर मारपीट-लूटपाट, हत्या की घटनाओं में बढ़ोतरी हो रही है। इसका कारण यह है कि बेलगाम कानून को लगाम लगाने के लिए प्रदेश में गृहमंत्री नहीं है, प्रदेश के मुखिया ही गृहमंत्री के पद पर कुंडली मारकर बैठे है, इसलिए प्रदेश की कानून व्यवस्था के हालात बेहाल, लचर होने से स्थिति चिंताजनक है। पटवारी ने कहा कि दमोह में ताजा उदाहरण सामने आया है कि जहां गर्भवती महिलाओं के आपरेशन से चार प्रसव किये जिसमेें डॉक्टरों की लापरवाही से उन महिलाओं ने आपरेशन के चार दिन बाद ही दम तोड़ दिया। उन्हें ना तो उचित उपचार मिला ना ही उनकी अस्पताल में उनकी उचित देखभाल हुई, इस कारण चार में से दो महिलाओं की किड़नियां खराब हुई जिससे उनकी मृत्यु हो गई। पटवारी ने कहा कि प्रदेश के मुखिया डॉ. मोहन यादव कानून और स्वास्थ्य व्यवस्था को लेकर रोज बड़ी-बड़ी ढीगें हांका करते हैं, जबकि हकीकत में प्रदेश की कानून और स्वास्थ्य व्यवस्था लगातार दम तोड़ रही है।
MadhyaBharat
30 July 2024
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