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लखनऊ । उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने अयोध्या जिले में एक नाबालिग के साथ सामूहिक दुष्कर्म के आरोपित सपा नेता मोईद खान के खिलाफ सख्त रुख अपनाया है। उसके अवैध निर्माण को शनिवार को बुलडोजर से धवस्त कर दिया गया। बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने इस कार्रवाई को उचित बताया है।
मायावती ने शनिवार को एक्स पोस्ट में कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा अयोध्या गैंगरेप केस में आरोपित के विरुद्ध की जा रही सख्त कार्रवाई उचित है, लेकिन सपा का यह कहना कि आरोपित का डीएनए टेस्ट होना चाहिये, इसे क्या समझा जाए। जबकि सपा को यह भी बताना चाहिए कि उनकी सरकार में ऐसे आरोपितों के खिलाफ कितने डीएनए हुए टेस्ट हुए हैं।
मायावती ने कहा कि प्रदेश में अपराध नियंत्रण और कानून-व्यवस्था में भी ख़ासकर महिला सुरक्षा एवं उत्पीड़न आदि को लेकर बढ़ती चिंताओं के बीच अयोध्या व लखनऊ आदि की घटनाएं अति-दुखद व चिंतित करने वाली हैं। सरकार इनके निवारण के लिए जाति-बिरादरी एवं राजनीति से ऊपर उठकर सख़्त कदम उठाए तो बेहतर है।
इससे पहले सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने एक्स पोस्ट में कहा था कि इस कुकृत्य के मामले में जिन पर भी आरोप लगा है उनका डीएनए टेस्ट कराकर इंसाफ़ का रास्ता निकाला जाए न कि केवल आरोप लगाकर सियासत की जाए। जो भी दोषी हो उसे क़ानून के हिसाब से पूरी सज़ा दी जाए, लेकिन अगर डीएनए टेस्ट के बाद आरोप झूठे साबित हों तो सरकार के संलिप्त अधिकारियों को भी न बख्शा जाए। यही न्याय की मांग है।
उधर, सपा के स्थानीय सांसद अवधेश प्रसाद ने कहा कि जहां तक इस घटना की बात है तो यह बेहद दर्दनाक और शर्मनाक है। इस घटना में शामिल सभी लोगों की जांच होनी चाहिए। सच्चाई का पता लगाना चाहिए और जो भी दोषी हो उनके खिलाफ पूरी ताकत से कार्रवाई होनी चाहिए। जहां तक पीड़ित की बात है तो हमारी पार्टी पूरी तरह से पीड़ित के साथ खड़ी है। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि भाजपा इस पर राजनीति कर रही है। सांसद प्रसाद ने कहा कि वे ऐसे लोगों से विनम्रतापूर्वक अनुरोध करते हैं कि यह राजनीति का क्षण नहीं है। निर्दोषों को फंसाया नहीं जाना चाहिए और डीएनए टेस्ट कराया जाना चाहिए। पीड़िता की आर्थिक रूप से भी मदद की जानी चाहिए।
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