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राज्यसभा में कई मौकों पर जया बच्चन खुद को जया अमिताभ बच्चन बुलाए जाने पर नाराजगी जता चुकी हैं. वह इसे पितृसत्तात्मक सोच करार देती हैं.
राज्यसभा में सांसद जया बच्चन और सभापति जगदीप धनखड़ के बीच तीखी बहस हो गई है. जया बच्चन सभापति धनखड़ के जरिए जया अमिताभ बच्चन कहने पर भड़क गईं. उन्होंने कहा कि वह कलाकार हैं और बॉडी लैंग्वेज को अच्छी तरह से समझती हैं. जया ने यहां तक कह दिया कि मुझे माफ कीजिएगा, लेकिन आपकी जो टोन है, वो मुझे बिल्कुल भी स्वीकार नहीं है. सभापति ने जया बच्चन को जया अमिताभ बच्चन कहकर बुलाया था, जिस पर राज्यसभा सांसद कई बार आपत्ति जता चुकी हैं.
दरअसल, जब राज्यसभा में जया बच्चन के बोलने की बारी तो आई सभापति ने उनका नाम पुकारा. इस पर जया बच्चन ने कहा, "मैं कलाकार हूं, बॉडी लैंग्वेज समझती हूं और एक्सप्रेशन (भाव) समझती हूं. मुझे माफ कीजिएगा सर, लेकिन आपका जो टोन है, वो मुझे स्वीकार नहीं है. हम सहकर्मी हैं, भले ही आप चेयर पर क्यों नहीं बैठे हों." इस पर सभापति ने कहा, "ये धारणा नहीं रखें कि सिर्फ आपकी ही प्रतिष्ठा है. एक वरिष्ठ संसद सदस्य के रूप में आपके पास सभापति की प्रतिष्ठा को कम करने का लाइसेंस नहीं है."
सभापति ने कहा, "भले की आप कोई भी हों, भले ही आप सेलिब्रिटी ही क्यों न हो. मैं इस तरह की चीजें बिल्कुल बर्दाश्त नहीं करूंगा. मेरी टोन, मेरी लैंग्वेज और मेरे टेंपर की बात हो रही है. मैं किसी के इशारे पर काम नहीं करता हूं." इस दौरान सदन में काफी ज्यादा हंगामा मच गया. बवाल इतना ज्यादा बढ़ गया कि विपक्ष ने आरोप लगाया कि सभापति ने जया बच्चन के साथ दुर्व्यवहार किया है. इस बात से नाराज होकर विपक्ष ने सदन से वॉकआउट भी कर लिया. सभापति ने इस पर कहा कि मैं जानता हूं कि विपक्ष सिर्फ सदन को अस्थिर करना चाहता है.
सदन से बाहर आने पर जया बच्चन ने मीडिया से कहा, "मैंने सभापति के टोन को लेकर आपत्ति जताई. हम स्कूल जाने वाले बच्चे नहीं हैं. हममें से कुछ वरिष्ठ नागरिक हैं. मैं उनके बोलने के लहजे से परेशान थी और खासकर जब विपक्ष के नेता बोलने के लिए खड़े हुए तो उन्होंने माइक बंद कर दिया. आप यह कैसे कर सकते हैं? आपको विपक्ष के नेता को बोलने देना चाहिए."
जया बच्चन ने आगे कहा, "मेरा मतलब है कि हर बार असंसदीय शब्दों का प्रयोग करना, जो मैं यहां सबके सामने नहीं कहना चाहती. तुम उपद्रवी हो, 'बुद्धिहीन' हो, ये कहा जाता है. उन्होंने कहा कि आप सेलिब्रिटी हो सकते हैं, मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता. मैं उनसे परवाह करने के लिए नहीं कह रही हूं. मैं कह रही हूं कि मैं संसद की सदस्य हूं. यह मेरा पांचवां कार्यकाल है. मैं जानती हूं कि मैं क्या कह रही हूं. आजकल संसद में जिस तरह से बातें कही जा रही हैं, पहले कभी किसी ने नहीं बोलीं. मुझे माफी चाहिए."
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