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उज्जैन: विश्व प्रसिद्ध श्री महाकालेश्वर मंदिर में आज श्रावण शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि पर बाबा महाकाल अपने भक्तों को दर्शन देने के लिए रात 3 बजे जागे। भस्म आरती के पहले वीरभद्र और मानभद्र से आज्ञा लेकर सबसे पहले चांदी द्वार को खोला गया, उसके बाद घंटी बजाकर भगवान तक यह सूचना दी गई की पुजारी व अन्य लोग आपको जगाने के लिए मंदिर में प्रवेश कर रहे हैं।
गर्भगृह में सबसे पहले भगवान का जलाभिषेक व पूजन दर्शन कर श्रृंगार किया गया और उसके बाद भस्म आरती की गई। मंदिर में जैसे ही भगवान के दर्शन शुरू हुए, वैसे ही चारों ओर जय श्री महाकाल की गूंज गुंजायमान हो गई। विश्व प्रसिद्ध श्री महाकालेश्वर मंदिर के पुजारी पंडित महेश शर्मा ने बताया कि श्रावण शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि पर आज सुबह 3 बजे भगवान वीरभद्र की आज्ञा लेकर मंदिर के पट खोले गए। जिसके बाद सबसे पहले भगवान का शुद्ध जल से स्नान, पंचामृत स्नान करवाने के साथ ही केसर युक्त जल अर्पित किया गया।
आज के श्रृंगार की विशेषता यह रही कि आज बाबा महाकाल का मावे और ड्रायफ्रूट से श्रृंगार किया गया और उनके सिर पर नागराज को विराजमान किया गया। जिसके बाद महानिर्वाणी अखाड़े की ओर से भस्म अर्पित की गई इसके बाद पूरा मंदिर परिसर जय श्री महाकाल की गूंज से गुंजायमान हो गया।
इंडो कोरियन ज्वाइंट वेंचर कंपनी मेरकाबा एफीबार सीडीएस के प्रतिनिधि मंडल कोरियाई नागरिक जियोंग जोंग चेओल, क्वांगवोन रीव, जूनह्वी जो, सुश्री गेल कांग जुनसुंग ली, वूसोक चुंग एवं कंपनी में कार्यरत भारतीय नागरिक राजेश भारद्वाज, रवि ठाकुर ने अपने उज्जैन प्रवास के दौरान श्री महाकालेश्वर भगवान के दर्शन किये। इस दौरान प्रोटोकॉल व्यवस्था प्रभारी चंद्रप्रकाश शर्मा द्वारा उनका सम्मान किया गया।
श्री महाकालेश्वर मंदिर में श्री महाकालेश्वर भगवान के महाराष्ट्र के नागपुर से पधारे भक्त सिद्धांत महाजन द्वारा भगवान श्री महाकालेश्वर को मंदिर के पुजारी अर्पित शर्मा की प्रेरणा से 1 नग चांदी का मुकुट भेंट किये गये। जिनका कुल वजन 2490.00 ग्राम है। जिसे श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति के सहायक प्रशासक श्री प्रतीक द्विवेदी द्वारा प्राप्त पर दानदाता का सम्मान किया और जाकर विधिवत रसीद प्रदान की गई। यह जानकारी मंदिर प्रबंध समिति के कोठार शाखा के कोठारी मनीष पांचाल द्वारा दी गई।
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