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नई दिल्लीः सीएए कानून के तहत नागरिकता पाने वाले पहले व्यक्ति का नाम दुलोन दास है. वह असम के सिलचर में रहते हैं.
असम में रह रहे बांग्लादेश के एक हिंदू व्यक्ति को भारत की नागरिकता (संशोधन) अधिनियम 2019 के तहत नागरिकता दी गई है. इसके साथ ही वह इस कानून के तहत नागरिकता पाने वाले पूर्वोत्तर के पहले व्यक्ति बन गए हैं. वह 5 जून 1988 से असम में रह रहे हैं.
मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक, उन्हें मंगलवार, 13 अगस्त को गृह मंत्रालय से एक ईमेल मिला, जिसमें कहा गया था कि 1 अप्रैल, 2022 को उनके आवेदन को भारतीय नागरिकता अधिनियम 1955 की धारा 6बी के तहत मंजूरी दे दी गई है.
इस कानून के तहत नागरिकता पाने वाले पहले व्यक्ति का नाम दुलोन दास है. वह असम के सिलचर में रहते हैं. भारत आने के बाद उन्होंने असम की एक महिला से विवाह किया था और उनके दो बच्चे है. भारत आने से पहले वह बांग्लादेश के सिलहट जिले के बोरोग्राम के निवासी थे.
नागरिकता संशोधन अधिनियम 2019, 11 दिसंबर 2019 में संसद में पारित किया गया था. इसका उद्देश्य पाकिस्तान,अफगानिस्तान और बांग्लादेश में धार्मिक उत्पीड़न की वजह से भारत आए हिंदुओं, सिखों, बौद्धों, जैनियों, पारसी और ईसाई अल्पसंख्यकों को भारतीय नागरिकता देना है. इसमें मुसलमानों को शामिल नहीं किया है. इस वजह से भी काफी विवाद हुआ था.
इसी साल मार्च में केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा था कि नागरिकता (संशोधन) कानून, 2019 के प्रावधानों को लेकर अधिसूचना जारी होगी और इससे सीएए-2019 के तहत योग्य कोई भी व्यक्ति भारतीय नागरिकता के लिए आवेदन कर सकता है.
MadhyaBharat
14 August 2024
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