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उज्जैन । विश्व प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग भगवान महाकालेश्वर मंदिर के परिसर में मंगलवार देर शाम भुजरिया पर्व पर जाहरवीर गोगादेव की छड़ियों का मेला लगा। इस मौके पर मप्र के अलावा देश के कई राज्यों से भक्त छड़ियां लेकर उज्जैन आए थे। महाकाल मंदिर में भगवान महाकाल और गोगादेवजी की छड़ियों के मिलन व पूजन के बाद शोभायात्रा निकली गई। यह यात्रा देर रात वाल्मीकि धाम पहुंचेगी, जहां महाप्रसादी वितरण के साथ रात्रि जागरण होगा।
महाकालेश्वर मंदिर परिसर में मंगलवार शाम करीब 7 बजे देशभर से आए श्रद्धालु छडिय़ां लेकर एकत्रित हुए थे। यहां वाल्मीकि धाम के संस्थापक संत बालयोगी उमेशनाथ की अगुवाई में छडिय़ों का पूजन-अर्चन किया गया। यहां पर भगवान महाकाल व गोगादेवजी की छडिय़ों का मिलन हुआ। पूजन के दौरान महामंडलेश्वर स्वामी शांति स्वरूपानंद महाराज, भरतरी गुफा के पीर महंत रामनाथ महाराज, महामंडलेश्वर महंत भगवान बापू, रंगनाथ आचार्य महाराज, सुलह शांति गुरु सहित अन्य संत महात्मा मौजूद थे।
छड़ी पूजन के बाद बैंड-बाजों के साथ महाकाल मंदिर से शोभायात्रा शुरू हुई। यह शोभायात्रा पटनी बाजार, गोपाल मंदिर, ढाबारोड, दानीगेट, गोंसा दरवाजा, तिलकेश्वर मार्ग होते हुए यात्रा वाल्मीकि धाम पहुंचेगी। रात्रि में भंडारे का आयोजन होगा। रात्रि जागरण के बाद अगले दिन सभी छडिय़ां अपने-अपने गतंव्य की ओर रवाना होगें।
राज्यसभा सांसद संत बालयोगी उमेशनाथ महाराज ने बताया विगत 35 वर्षों से यह आयोजन हो रहा है विभिन्न शहरों से आने वाले भक्तों के साथ वीर गोगादेव महाराज भगवान महाकाल से मिलने आते है। इस दौरान मप्र के विभिन्न शहरों के अलावा महाराष्ट्र के अमरावती, भुसावल, अकोला व पूना, उप्र के झांसी, गुजरात के सूरत, राजस्थान के जयपुर, अजमेर, भीलवाड़ा व जोधपुर, सहित कई राज्यों के अलग-अलग शहरों से झंड़े लेकर बड़ी संख्या में भक्त आए हैं।
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