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नई दिल्ली । अब स्वदेशी मल्टी-रोल हेलीकॉप्टरों और डेक-आधारित मल्टी-रोल हेलीकॉप्टरों के लिए भारत में ही इंजन बनाए जाएंगे। इसके लिए हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) ने शुक्रवार को फ्रांसीसी कंपनी के साथ एक समझौता किया है। इंजन की डिजाइन और उत्पादन के लिए बेंगलुरु में संयुक्त उद्यम कंपनी स्थापित की जाएगी। नया संयुक्त उद्यम भारत-फ्रांस के बीच वर्तमान सहयोग के क्षेत्र को और विस्तार देगा।
फ्रांसीसी कंपनी सफल हेलीकॉप्टर इंजन प्राइवेट लिमिटेड (एसएएफएचएएल) के साथ आज किये गए समझौते के तहत विकसित किये जाने वाले इंजन अगली पीढ़ी के हेलीकॉप्टरों में लगाए जाएंगे। इन इंजनों को 'अरावली' का नाम पश्चिमी भारत में शक्तिशाली पर्वत श्रृंखला से लिया गया है, जो महत्वपूर्ण इंजन प्रौद्योगिकियों में आत्मनिर्भरता प्राप्त करने की देश की आकांक्षाओं का प्रतीक है। कंपनी का पहला उद्देश्य नई पीढ़ी के 13 टन वाले भारतीय मल्टी-रोल हेलीकॉप्टर (आईएमआरएच) के लिए इंजन बनाना है। इसका नौसैनिक संस्करण डेक आधारित मल्टी-रोल हेलीकॉप्टर (डीबीएमआरएच) भी बनाया जाना है। एचएएल ने इंजन के संयुक्त डिजाइन, विकास, निर्माण और आपूर्ति शुरू करने के लिए एक एयरफ्रेमर अनुबंध पर हस्ताक्षर किए हैं।
एचएएल के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक (अतिरिक्त प्रभार) सीबी अनंतकृष्णन ने कहा कि फ्रांसीसी कंपनी सफल के साथ यह साझेदारी भारत के एयरोस्पेस और रक्षा क्षेत्रों में तकनीकी आत्मनिर्भरता प्राप्त करने की दिशा में हमारी यात्रा में एक महत्वपूर्ण क्षण है। यह सहयोग न केवल आईएमआरएच और डीबीएमआरएच प्लेटफार्मों की परिचालन क्षमताओं को सुनिश्चित करेगा, बल्कि महत्वपूर्ण रक्षा प्रौद्योगिकियों के स्वदेशी विकास के व्यापक लक्ष्य में भी योगदान देगा। फ्रांसीसी कंपनी सफ्रान पहले से ही भारत के एएलएच, एलसीएच और एलयूएच में लगने वाले इंजनों के डिजाइन, विकास और उत्पादन में सहयोग कर रही है।
एचएएल के मुताबिक इंजन की डिजाइन और उत्पादन के लिए बेंगलुरु में संयुक्त उद्यम कंपनी स्थापित की जाएगी, जिससे भारत-फ्रांस के बीच वर्तमान सहयोग के क्षेत्र को और विस्तार मिलेगा। यह संयुक्त उद्यम रणनीतिक अनुबंध के तहत अपनी-अपनी मूल कंपनियों के साथ अत्याधुनिक इंजन प्रौद्योगिकियों पर काम करेगा, जिससे बेहतर प्रदर्शन, विश्वसनीयता और परिचालन दक्षता सुनिश्चित होगी। इस सहयोग में अत्याधुनिक डिजाइन, उन्नत विनिर्माण प्रक्रियाएं और उच्चतम वैश्विक मानकों को पूरा करने के लिए कठोर परीक्षण प्रोटोकॉल शामिल हैं।
एचएएल ने भारतीय सशस्त्र बलों की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए 13 टन वजन वाले भारतीय मल्टी-रोल हेलीकॉप्टर को डिजाइन किया है। भारतीय नौसेना के लिए अलग से डेक आधारित मल्टी-रोल हेलीकॉप्टर विकसित किया जा रहा है, जिसका वजन 12.5 टन होगा। इन हेलीकॉप्टरों को विभिन्न और चुनौतीपूर्ण वातावरण में संचालित करने के लिए तैनात किया जाएगा। भविष्य में अपतटीय संचालन, उपयोगिता और वीवीआईपी परिवहन के लिए नागरिक बाजार में विस्तार की भी योजना बनाई गई है, जिसके बाद रखरखाव मरम्मत ओवरहाल (एमआरओ) गतिविधियां भी होंगी।
MadhyaBharat
30 August 2024
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