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जबलपुर । प्रसिद्ध अभिनेत्री एवं भाजपा सांसद कंगना रनौत की फिल्म 'इमरजेंसी' के 6 सितंबर को सिनेमाघरों में रिलीज पर मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय ने रोक लगा दी है। उच्च न्यायालय ने मंगलवार को सेंसर बोर्ड को आदेश दिया है कि फिल्म के सर्टिफिकेट जारी करने से पहले अगर सिख समुदाय के प्रतिनिधि फिल्म पर अपनी राय देना चाहते हैं तो उनकी बात सुनी जाए।
दरअसल, फिल्म को लेकर उच्च न्यायालय में जबलपुर सिख संगत और श्री गुरु सिंह सभा इंदौर की तरफ से जनहित याचिका दायर कर फिल्म पर प्रतिबंध लगाने की मांग की गई थी। इस याचिका पर सोमवार को सुनवाई करते हुए कंगना रनौत और सेंसर बोर्ड को नोटिस जारी किया था। मंगलवार को फिर याचिका पर मध्यप्रदेश हाई कोर्ट के एक्टिंग चीफ जस्टिस संजीव सचदेवा और जस्टिस विनय सराफ की युगलपीठ में सुनवाई हुई।
जनहित याचिका पर सेंसर बोर्ड की तरफ से डिप्टी सॉलिसिटर जनरल पुष्पेंद्र यादव ने जवाब पेश किया। उन्होंने बताया कि फिल्म को अभी सिर्फ ऑनलाइन सर्टिफिकेट सीरियल नंबर जारी हुआ है। बोर्ड ने हाई कोर्ट को यह भी बताया कि इमरजेंसी फिल्म को अभी सर्टिफिकेट जारी नहीं हुआ है। याचिकाकर्ता ने सुनवाई के दौरान कहा कि फिल्म के सर्टिफिकेशन में शिरोमणि गुरुद्वारा कमेटी के एक सदस्य को भी शामिल किया जाए। उनके देखने के बाद ही फिल्म को सर्टिफिकेट दिया जाए। फिल्म का ट्रेलर भी आपत्तिजनक है, उसे भी रोका जाना चाहिए। इसके साथ ही याचिकाकर्ता ने फिल्म के ट्रेलर पर रोक लगाने की मांग की है।
उच्च न्यायालय ने कहा कि आप एक नया आवेदन दें। हम फिल्म 'इमरजेंसी' का ट्रेलर रोकने के लिए तैयार हैं। ऐसे में अगर ट्रेलर पर रोक लगती है तो सभी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म से भी 'इमरजेंसी' का ट्रेलर हटाया जाएगा। याचिकाकर्ता नए सिरे से ट्रेलर रोकने के लिए आवेदन लगा सकते हैं, जिस पर सेंसर बोर्ड कार्रवाई करेगा। सुनवाई के दौरान उच्च न्यायालय ने सेंसर बोर्ड को यह भी निर्देश दिए हैं कि याचिकाकर्ता के आवेदन पर कार्रवाई करें। लिहाजा मंगलवार को जबलपुर सिख संगत और श्री गुरु सिंह सभा इंदौर की जनहित याचिका का उच्च न्यायालय ने निराकरण कर दिया है। हालांकि उच्च न्यायालय का पूरा फैसला आना अभी बाकी है।
याचिकाकर्ता के वकील एनएस रूपराह ने बताया कि जी टेलीफिल्म की ओर से स्टेटमेंट दिया गया था कि फिल्म का सर्टिफिकेट मिल चुका है, जबकि केंद्र सरकार और सीबीएफसी का कहना था कि हमने कोई प्रमाण पत्र नहीं दिया है। सुनवाई के दौरान यह सामने आया है कि अभी तक फिल्म इमरजेंसी को सर्टिफिकेट नहीं मिला है। अब 6 सितंबर को यह फिल्म रिलीज नहीं होगी। जब सरकार ने यह कह दिया है कि फिल्म को सर्टिफिकेट नहीं दिया गया तो फिर रिलीज का सवाल ही नहीं उठता।
MadhyaBharat
3 September 2024
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