Since: 23-09-2009
नई दिल्ली । जम्मू-कश्मीर नेशनल कॉन्फ्रेस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला के अफजल गुरु पर दिए बयान का भारतीय जनता पार्टी ने विरोध जताते हुए इसे भारत विरोधी बताया है।
शनिवार को इस बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए भाजपा सांसद ने मनोज तिवारी ने कहा कि उमर अब्दुल्ला का बयान सीधे-सीधे सुप्रीम कोर्ट के फैसले को चुनौती देना है। अफजल को इसलिए फांसी दी गई क्योंकि उसने संसद पर हमले की योजना बनाई थी। आतंकवादी संसद में घुसने में सफल नहीं हो पाए लेकिन हमारे करीब एक दर्जन सुरक्षाकर्मी शहीद हो गए। ऐसे में उमर अब्दुल्ला का एक आतंकवादी अफजल गुरु का पक्ष लेना सीधे तौर पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले को चुनौती है। सुप्रीम कोर्ट को इस पर संज्ञान लेना चाहिए क्योंकि ये लोग मुख्यमंत्री की कुर्सी पर भी रह चुके हैं और देश विरोधी और सुप्रीम कोर्ट विरोधी बयान दे रहे हैं। अब ऐसे में सवाल उठता है कि क्या इसी वजह से राहुल गांधी ने उमर अब्दुल्ला की पार्टी के साथ समझौता किया है?
उल्लेखनीय है कि उमर अब्दुल्ला ने एक इंटरव्यू के दौरान संसद पर हमले के मामले में दोषी करार दिए गए अफजल गुरु की फांसी को गलत बताया है। उन्होंने कहा कि अफजल गुरु को फांसी देने से कोई मकसद पूरा नहीं हुआ। अगर हम होते तो इसकी कतई मंजूरी नहीं देते। अब्दुल्ला ने यह भी कहा कि वे मौत की सजा में विश्वास नहीं रखते हैं, क्योंकि इसकी अदालती व्यवस्था पर सवाल उठते हैं।
MadhyaBharat
|
All Rights Reserved ©2025 MadhyaBharat News.
Created By:
Medha Innovation & Development |